कहते है दुनिया गोल है, समय का चक्र कब किस पर आकर रुक जाए ये कोई नहीं जानता। आम जिंदगी में इस कहावत को हकीकत में बदलते कई बार देखा गया है लेकिन जब कभी भी बात राजनीतिक गलियारे की होती है तो समय का चक्र और भी तेजी से घूमने लगता है। हाल ही में ऐसा ही एक संयोग देखने को मिला है। इस गजब के संयोग को आप बदला लेने की प्रवृति भी कह सकते है।
आज से ठीक 10 साल पहले यानी 2009 में कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम जब देश के गृह मंत्री थे, उस वक्त सोहराबुद्दीन मर्डर केस के आरोप में गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को गिरफ्तार किया गया था। अब 10 साल बाद वक़्त ने ऐसी करवट बदली है कि अमित शाह के गृहमंत्री रहते पी चिदंबरम को सलाखों के पीछे जाना पड़ा है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पी चिदंबरम (P. Chidambaram) को सीबीआई के उसी मुख्यालय में ले जाया गया, जहां बतौर गृहमंत्री उन्होंने उद्धाटन किया था। अब इसे समय का चक्र ही कहा जा सकता है जिसने पूरी कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
कहानी का फ्लैशबैक
कांग्रेस पार्टी समेत अन्य विपक्ष सरकार पर एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहा है। अगर इतिहास के पन्नो को पलटते हुए कहानी के फ्लैशबैक में जाएं तो कई साल पहले विपक्षी पार्टी के तौर पर बीजेपी भी यूपीए सरकार पर ऐसा ही आरोप लगाती थी और तब गृह मंत्री पी. चिदंबरम हुआ करते थे। लेकिन अब समय बदल गया है और खेल भी बदल गया है।
जब गिरफ्तार हुए थे अमित शाह
यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जब पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे, उस वक्त सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामला चरम पर था और इसी मामले में अमित शाह पर कार्रवाई की गई थी। कार्यवाही के बाद सीबीआई ने 25 जुलाई 2010 को अमित शाह की धरपकड़ की थी। अमित शाह को 3 महीनों तक जेल में भी रहना पड़ा था। लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद 30 दिसम्बर 2014 को सीबीआई कोर्ट ने उन्हें इस मामले से डिस्चार्ज कर दिया। तब भाजपा सरकार ने शाह की गिरफ्तारी के लिए यूपीए सरकार पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया था।
क्यों गिरफ्तार है चिदंबरम
पी चिदंबरम को 2007 में हुए आईएनएक्स स्कैम (INX Scam) के चलते जेल में डाल दिया गया है। ये मामला एक तरह से मनी लॉन्ड्रिंग और INX मीडिया कंपनी जुड़ा है। उस समय इस कंपनी के डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी थे। पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने उस समय वित्त मंत्री रहते INX मीडिया हाउस को 305 करोड़ रु. का फंड लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) से मंजूरी दिलाई थी। इस मामले में चिदंबरम के बेटे को भी काफी दिन जेल में गुजारने पड़े है।