पाकिस्तान ने गिलगिट और बाल्टिस्तान को पांचवें प्रांत का दर्जा दे दिया है। पाकिस्तान की इस हरकत से भारत अब काफी गुस्से में है और भारत ने चेतावनी देते हुए पाकिस्तान से कह दिया है, “पाकिस्तान उन इलाकों से बाहर निकल जाए,जिन पर उसने अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है। रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से गिलगिट बाल्टिस्तान को प्रांत का दर्जा देने के ऐलान का भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में विरोध किया है। मंत्रालय की प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि भारत अपने किसी भी क्षेत्र की स्थिति बदलने की पाकिस्तान की कोशिश को खारिज करता है।केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सभी क्षेत्र हमारा अभिन्न अंग है और रहेंगे। इनमें गुलाम कश्मीर भी शामिल है। अवैध तरीके से कब्जाए गए इन इलाकों पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं है। पाकिस्तान ने छल से इन क्षेत्रों में मानवाधिकारों के उल्लंघन की उसकी करतूत किसी से भी नहीं छिपी है।
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “इन इलाकों की स्थिति बदलने से बेहतर है कि पाकिस्तान तत्काल अपने अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों से बाहर निकल जाए।पाकिस्तान ने दुनिया को धोखा देने के लिए गिलगिट बाल्टिस्तान में विधानसभा चुनाव कराने का भी ऐलान किया है। इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को क्षेत्र में चुनाव कराने की अनुमति दी थी। श्रीवास्तव ने कहा है, “पाकिस्तान की ओर से इस क्षेत्र में की गई सरकार की कोशिशें वहां से 7 दशकों से अधिक समय से रह रहे लोगों को आजादी से वंचित कर सकती हैं। सन 1947 में जम्मू और कश्मीर के भारतीय संघ में शामिल होने के बाद से जम्मू कश्मीर और लद्दाख के साथ-साथ तथाकथित गिलगिट और बाल्टिस्तान का समूचा क्षेत्र कानूनी रूप से भारत के अभिन्न अंग है। पाकिस्तान गिलगिट बाल्टिस्तान के लोगों के मानवाधिकारों को नहीं बदल सकता। इन भारतीय क्षेत्रों की स्थिति को बदलने की पाकिस्तान की कोई भी क्वेश्चन नहीं की जा सकती।”