पाकिस्तान के लिए 2021 भी कोई अच्छी सूचना लेकर नहीं आया है यह बताया जा रहा है कि अगले महीने होने जा रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की मीटिंग में भी पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से निकलने की कोई उम्मीद नहीं है। इसका कारण यह है कि इमरान खान अभी भी हाफिज सईद के जमात-उद-दावा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। पाकिस्तान 3 साल से ग्रे लिस्ट में है 2018 में उसे लिस्ट में रखा गया था। FATF के द्वारा उसे 23 पॉइंट का एक प्रोग्राम सौंपा गया था। संगठन ने कहा था कि न सिर्फ इन शर्तों को पूरा करना है बल्कि इसके सबूत भी पाकिस्तान को लाकर देने होंगे। लेकिन पाकिस्तान के द्वारा दी गई रिपोर्ट से FATF संतुष्ट नहीं है। इसीलिए अब माना जा रहा है कि पाकिस्तान को या तो ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा या फिर आखरी चेतावनी के तौर पर ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार एफएटीएफ के पास इस बात की जानकारी है कि पाकिस्तान सरकार ने अब तक जेयूडी और जैश ए मोहम्मद के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की है। यह दोनों संगठन ही पाकिस्तान की जमीन पर लगातार काम कर रहे हैं। अमेरिका ने भी पिछले दिनों कहा था कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों की पनाहगाह के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है और हमें इसे रोकना है। संगठन के द्वारा अक्टूबर की रिव्यू मीटिंग में पाकिस्तान को यह कहा गया था कि उसके द्वारा की गई कार्रवाइयों में कई खामियां सामने आई है। हम उसे एक और मौका दे रहे हैं और उसके बाद हम फरवरी में विचार करेंगे। संगठन के पास कई ऐसे फोटो तथा वीडियोस उपलब्ध हैं जिनमें यह साफ होता है कि कई आतंकी संगठन पाकिस्तान में खुलेआम अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।