पिछले कुछ दिनों से आपने सोशलमीडिया पर गाय के साथ रहने से उसको गले लगाकर बैठने से तनाव कम होता है ऐसी खबरों को आपने जरूर देखा सुना या फिर पढ़ा होगा, फिर आपके मन में कुछ सवाल आए होंगे। क्या गाय को गले लगाने से इसांन का तनाव कम होता है? क्या गाय को गले लगाने से इंसान में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, आदमी पॉजिटिव रहता है? यह सवाल इसलिए क्योंकि इन दिनों विश्व के कुछ देशों में लोग मन की शांति के लिए गाय के साथ घंटो वक्त बिता रहे हैं। इस दौरान लोग गाय को गले लगाकर बैठते हैं। इसके पीछे की असल वजह क्या है आइए जानते हैं
मन की शांति के लिए गाय को गले लगाने का चलन नीदरलैंड में इन दिनों जोरों पर है और सिर्फ नीदरलैंड में ही नहीं अब यह चलन कई देशों में देखने को मिल रहा है। नीदरलैंड में स्थानीय भाषा में इसे ‘काऊ नफलेन’ कहते हैं जिसका मतलब है गायों को गले लगाना है जिससे कि उनको सुकून का अहसास होता है।
आपको बता दें गाय के शरीर का गर्म तापमान, धीमी धड़कनें और बड़ा आकार उन्हें सटकर बैठने वालों को शांति का अहसास देता है। ये एक सुखदायक अनुभव होता है। यही नहीं इससे गायों को भी सुखद अहसास होता है। ये उनकी पीठ खुजलाने जैसा है। उनसे सटकर बैठना, उन्हें चाटने देना ये सब इस चिकित्सकीय अनुभव का ही हिस्सा हैं।
माना जाता है कि गायों को गले लगाने से मनुष्यों के शरीर में ऑक्सिटोसिन निकलता है और इससे उन्हें अच्छा अहसास होता है। ये हार्मोन अच्छे सामाजिक संपर्क के दौरान निकलता है। माना जाता है कि ऑक्सिटोसिन संतुष्टी की भावना लाता है, तनाव कम करता है और दोस्तों के साथ होने पर मन की शांति का अहसास कराता है।
करीब एक दशक पहले नीदरलैंड्स के ग्रामीण इलाकों में जानवरों के साथ समय बिताने की ये संस्कृति शुरू हुई थी। अब ये एक बड़े अभियान का हिस्सा है जिसके तहत लोगों को प्रकृति और देसी जिंदगी के करीब लाया जा रहा है। अब तो रोटरडेम, स्विट्जरलैंड और यहां तक कि अमेरिका के भी फार्म लोगों को गायों को गले लगाने का अनुभव दे रहे हैं। ये तनाव दूर करने का एक तरीका भी बनता जा रहा है। गले लगाने का ये अनुभव जानवरों के लिए भी सुखदायक हो सकता है।