धोनी जैसे बड़े खिलाड़ी का भविष्य एक आईपीएल कैसे तय कर सकता है?

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चित्र साभार: ट्विटर @rajasthanroyals

महेंद्र सिंह धोनी, भले ही फिटनेस के मामले में कहीं आगे हों मगर बढ़ती उम्र के साथ पिछले कुछ सालों में जब कभी भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी की बात होती है तो उनके साथ-साथ उनके सन्यास लेने की चर्चा भी होने लगती है। धोनी अब जब कभी मैदान पर उतरते हैं तो हर किसी के मन में यही सवाल रहता है कि क्या ये उनके करियर का आखिरी मुकाबला तो नहीं?

2019 विश्व कप के बाद तो धोनी ने अपने रिटायरमेंट की चर्चा को और भी तेज़ कर दिया है। पिछले साल खेले गए विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले से धोनी बाहर हैं। कोरोना महामारी के चलते फ़िलहाल आईपीएल भी सितंबर तक टला हुआ है। ऐसे में उनके फैंस यही सोच रहे होंगे कि माही फील्ड पर किस तरह से वापसी करेंगे। फिलहाल क्रिकेट की जानकारी रखने वाले कुछ लोग और फैंस यही मान रहे हैं कि धोनी का भविष्य आईपीएल 13 में उनका फॉर्म तय करेगा। लेकिन इतने बड़े खिलाड़ी या यूं कहें कि क्रिकेट की दुनिया के लेजेंड कहे जाने वाले धोनी का भविष्य क्या वाकई एक टूर्नामेंट पर ही निर्भर रहेगा?

आईपीएल खोलेगा धोनी की वापसी का रास्ता

2019 विश्व कप के बाद से धोनी भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। विश्व कप के बाद धोनी को श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के साथ होने वाली सीरीज में भी मौका नहीं मिला। ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि धोनी की वापसी का रास्ता आखिर कैसे साफ होगा? फैंस को आईपीएल का इंतजार था। सभी जानते थे कि धोनी आईपीएल में अच्छा खेलेंगे तो वह जरूर अगला टी20 विश्व कप खेलने जाएंगे। लेकिन एक सवाल ये भी है कि लंबे समय तक भारतीय टीम के लिए फिनिशर की भूमिका अदा करने वाले धोनी अगर आईपीएल ना भी खेले तो क्या उनकी टीम में वापसी संभव नहीं है?

धोनी के भविष्य का फैसला एक टूर्नामेंट नहीं कर सकता

कुछ लोग 2020 इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में प्रदर्शन के आधार पर महेंद्र सिंह धोनी टीम में वापसी के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि धोनी के भविष्य का फैसला एक टूर्नामेंट के प्रदर्शन के आधार पर नहीं किया जा सकता। 39 साल के हो चुके धोनी ने अपने करियर में सब कुछ हासिल किया है। हाँ धोनी के सामने ऐज फैक्टर की समस्या जरूर है क्योंकि अब टी20 विश्व कप अगले साल तक के लिए रद्द कर दिया गया है। ऐसे में उनकी क्रिकेट की उम्र का एक साल वैसे ही कम हो गया। लेकिन धोनी के रिकॉर्ड और भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान बोर्ड को इस बात का हक़ नहीं देता कि वह धोनी के करियर का आंकलन एक टूर्नामेंट से करे। धोनी अगर अभी खेलना चाहते हैं और टीम मैनेजमेंट भी यही चाहती है तो भारतीय टीम में उनकी वापसी के दरवाजे हमेशा खुले होने चाहिए।

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