बॉलीवुड की सुप्रसिद्ध के डायलॉग राइटर, गीतकार और कवि मनोज मुंतशिर का आज जन्मदिन है। मनोज यूपी के अमेठी के गौरीगंज में 27 फरवरी को पैदा हुए थे। वह हमेशा से लेखन की दुनिया में बड़ा काम करना चाहते थे, लेकिन परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी पिता किसान थे और माँ प्राइमरी स्कूल की टीचर थी, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने बच्चे को कान्वेंट स्कूल में पढ़ाया था, ताकि वह अपने सभी सपनों को पूरा कर सके। मनोज ने भी अपनी शुरुआती पढ़ाई अमेठी में ही की और उनकी सबसे पहली नौकरी आकाशवाणी में हुई थी, जहां उन्हें सैलरी के रूप में ₹135 मिले थे, लेकिन उनके सपने सिर्फ इतने पैसों तक सीमित नहीं थे। परिवार के सहयोग से वो उसी साल मुंबई की ओर आ गए।
खबरों के अनुसार साल 1999 में मनोज कई दिनों तक मुंबई के फुटपाथ पर सोते हुए नज़र आते थे, लेकिन उनकी लिखने की कला ऐसी थी कि रोजगार उनसे ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रह पाया और साल 1999 में उन्हें भजन गायक अनूप जलोटा के साथ काम करने का मौका मिल गया। उन्होंने अनूप जलोटा के लिए कई भजन लिखे, जिसके बाद उन्हें सीधे अमिताभ बच्चन के शो कौन बनेगा करोड़पति के लिरिक्स लिखने का मौका मिल गया। मनोज अपने इस अनुभव को टर्निंग प्वाइंट मानते हैं।
मनोज ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह हमेशा अपने गानों में शायरी का प्रयोग करते हैं, ताकि लोगों के दिलों में वह ज्यादा दिनों तक रह पाए। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए अपने इंटरव्यू में बताया था कि वह एक ब्राह्मण परिवार से थे, लेकिन सिर्फ गानों के लिए उन्होंने उर्दू पढ़ना शुरू किया था। उन्होंने बताया था कि उन्होंने मस्जिद के बाहर एक ऐसी किताब खरीदी थी, जिसमें हिंदी और उर्दू साथ में लिखे हुए थे। इसके साथ ही मनोज शुक्ला ने अपना नाम बदलकर मनोज मुंतशिर रख लिया, लेकिन पिता को यह बात नागवार गुजरी और उन्होंने मनोज को गाना लिखने से मना कर दिया, लेकिन मनोज भी अपनी बात पर कायम रहे और उन्होंने साफ कहा कि वह फिल्मों के लिए भी आगे जाकर गाना लिखेंगे।
हम आपको बता दे हाल ही में मनोज सिंगर रिचा के शो पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपने नाम के आगे मुंतशिर लगाने की भी कहानी काफी दिलचस्प अंदाज में सुनाया था। उन्होंने बताया कि सर्द रात में वह चाय पीने बाहर गए थे, तभी उन्होंने रेडियो पर मुंतशिर शब्द सुना और उन्होंने अपने नाम के साथ इस शब्द को जोड़ लिया, लेकिन पिता को बताने की हिम्मत नहीं थी। इसलिए उन्होंने घर के बाहर मनोज मुंतशिर लिख दिया, जिसके बाद उनके पिता को कई महीनों तक लगने लगा था कि बेटे ने धर्म परिवर्तन कर लिया है।