9 सितंबर को कंगना रनौत के ऑफिस में हुई तोड़फोड़ को लेकर सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में मुकदमे की सुनवाई हुई। यह सुनवाई कंगना के लिए शुभ और शिवसेना तथा संजय राउत के लिए बुरी साबित हुई। इस दौरान कोर्ट में शिवसेना के नेता संजय राउत के हरामखोर वाले बयान पर भी बहस हुई कंगना के वकील वीरेंद्र सराफ ने कहा, “संजय राउत ने इंटरव्यू के दौरान हरामखोर का मतलब नॉटी बनाया था इस पर जस्टिस एस कथावाला ने कहा हमारे पास भी डिक्शनरी है! अगर इसका मतलब नॉटी है तो फिर नॉटी का मतलब क्या होगा?” सराफ ने आरोप लगाया कि संजय ने कंगना के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया! उन्हें हरामखोर कहते हुए सबक सिखाने की बात कही थी। इसके बाद कोर्ट में राऊत के बयान की फुटेज चलाई गयी।
रावत के वकील प्रदीप ने कहा कि संजय ने बयान में कंगना का नाम नहीं लिया था। इस पर बेंच ने कहा कि आप कह रहे हैं कि आपके मुअक्किल ने उसे हरामखोर लड़की नहीं कहा है क्या हम मुअक्किल यह बयान दर्ज कर सकते हैं? कि आपके याचिकाकर्ता का हरामखोर नहीं कहा है. इसके जवाब में प्रदीप ने कहा कि वह इस संबंध में कल एक हलफनामा दायर करेंगे। कंगना के वकील ने कहा कि ऑफिस गिराए जाने के बाद अखबार में उसे तोड़े जाने का जश्न मनाया गया था। यह पूरे देश ने देखा इस पर बेंच ने इस संबंध में सभी सबूतों और दस्तावेजों को लाने की बात कही। जिसमें कंगना की तबीयत और संजय राउत का पूरा इंटरव्यू शामिल है।
इससे पहले 24 सितंबर को मुंबई हाईकोर्ट ने कहा था कि मानसून में जिस तरह ऑफिस छोड़ा गया है उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते बीएमसी पर नाराजगी जताते हुए कहा – कार्यवाही करने में तो आपने बहुत तेजी दिखाई जब जवाब देने की बात आई, सुस्ती दिखा रहे हैं।