वैश्विक महामारी कोरोना ने भारत की चिकित्सा व्यवस्था को दवाब में डाल दिया है। डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि इस संकट में लोगों की जान कैसे बचाई जाए? विश्व के कई देशों ने संकट के समय में भारत के साथ आने की बात कही है। तो विश्व के कई देश अब अपनी मैत्री को निभाना नहीं चाहते। कुछ समय पहले तक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इसी प्रकार का व्यवहार दिखा रहे थे। लेकिन जब चारों तरफ से दबाव पड़ा तो जो बाइडेन को भी भारत के सामने झुकना पड़ा। बताया जा रहा है अमेरिका के द्वारा भेजे गए 70 लीटर और 95 ऑक्सीजन कंस्ट्रेक्ट भारत पहुंच चुके हैं। फ्रांस, अमेरिका और जर्मनी सहित कई अन्य देशों ने भी भारत की मदद करने की घोषणा की है। वहीं कुछ देशों से तो मदद का सामान भारत के हवाईअड्डों पर उतरने भी लगा है।
फ्रांसीसी राजदूत इमैनुअल लेनिन ने ट्वीट किया “अगले कुछ दिनों में, फ्रांस भारत को न केवल तत्काल राहत देगा, बल्कि लॉन्ग टर्म कैपेसिटी भी देगा: -इसमें 8 उच्च क्षमता वाले ऑक्सीजन जनरेटर, प्रत्येक में 250 बेड के लिए वार्षिक ऑक्सीजन, 5 दिनों के लिए 2000 रोगियों के लिए लिक्विड ऑक्सीजन, 28 वेंटिलेटर और आईसीयू के लिए उपकरण” होंगे।
The shipment of vital medical supplies from the United Kingdom, including 100 ventilators & 95 oxygen concentrators, arrived in India earlier this morning: Ministry of External Affairs (MEA)#COVID19 pic.twitter.com/Ed3CXGARS6
— ANI (@ANI) April 27, 2021