हरियाणा सरकार का एलान, बाजरा, मूंग और मक्का की फसल के लिए होंगे अतिरिक्त केंद्र, किसानों को नहीं होगी परेशानी

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री ने खरीफ की फसल खरीदने के लिए बेहतर व्यवस्था करने का प्रबंध किया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे सीजन खरीद में किसानों को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए बाजरा, मूंग, मक्का के परचेज सेंटर स्थापित कर दिए गए हैं।

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एक तरफ भाजपा की केंद्र सरकार और राज्य सरकारों पर यह आरोप लग रहा है कि वह किसान विरोधी है और किसानों को बर्बाद करने में लगी हुई है। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और भारत की केंद्र सरकार लगातार देश के किसानों के लिए राहत की योजनाएं लागू करती जा रहीं है।

इसी श्रंखला में अब हरियाणा की सरकार ने भी किसानों के लिए एक अच्छी योजना लागू की है जिसके अनुसार अब किसानों को खरीफ की फसल बेचने में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आएगी। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि किसानों की खरीफ सीजन की फसल खरीदने के लिए राज्य सरकार द्वारा व्यवस्था की गई है उन्होंने कहा कि इस पूरी खरीद में किसानों को कोई समस्या आने नहीं दी जाएगी सरकार ने उनके नजदीकी बढ़ोतरी करते हुए बाजरा,मूंग , मक्का के परचेज सेंटर स्थापित कर दियें हैं।

मूंग तथा बाजरा की खरीद प्रदेश भर में 1 अक्टूबर से शुरू होनी है और इन फसलों की खरीद के लिए सरकार ने बाजरा के लिए 121 मूंग के लिए 21 और मक्का के लिए 19 केंद्र स्थापित किए हैं। किसानों की बाजीराव फसल बेचने के लिए बनाए गए इन परचेज सेंटर पर किसान अपनी फसल पर सकेंगे। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि भिवानी जिले में 14, महेंद्रगढ़ में 12, दादरी में 10, सोनीपत में 9-9और हिसार में 8 केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मूंग की खरीद के लिए भिवानी में छह हिसार बस सिरसा में 5-5 फतेहाबाद व महेंद्रगढ़ में दो-दो दादरी जिले में एक खरीद केंद्रों को मक्का बेचने के लिए अंबाला, कुरुक्षेत्र जिले में 4-4 पंचकूला में तीन फतेहाबाद जींद, कैथल, करनाल, पानीपत, सोनीपत, यमुनानगर व सिरसा में एक-एक केंद्र की व्यवस्था कर दी गई है।

इस समय भारत सरकार और हरियाणा सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है देशभर के किसानों को समझाना और हरियाणा के किसानों के गुस्से को शांत करना क्योंकि कांग्रेस अपनी नीतियों के कारण लगातार किसानों को गुमराह कर रही है कि यह किसान विरोधी सरकार है। इसका सबसे ज्यादा असर हरियाणा पंजाब और दिल्ली बॉर्डर पर देखा जा रहा है। हरियाणा एक कृषि प्रधान देश है जिसमें सबसे पहले किसान अपनी फसल को उन्नत करने के लिए नई नीतियों का प्रयोग कर पाते हैं।

Image Source: Tweeted by @Dchautala

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