आप सभी जानते हैं कि जब जो मनुष्य आधुनिकता की अंधी दौड़ में शामिल होता है तब तो वह अपने जीवन को कष्टदायी भी बना लेता है। आज के समय में जहां पॉलीथिन का उपयोग आम हो गया है। वहीं पॉलीथिन और प्लास्टिक से बनी हुई चीजें मनुष्य के लिए कभी ना समाप्त होने वाली समस्या भी बनती जा रहे हैं।पूरे देश में जहां कूड़ा करकट एक बड़ी समस्या है, इसका निवारण कोई ढूंढ ही नहीं पा रहा। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का नगर निगम मुरादाबाद के कचरे को किफायती दामों में बेच रहा है। आप सोच रहे होंगे यह कैसे संभव हो सकता है?
जानकारी के मुताबिक कहा जा रहा है कि मुरादाबाद नगरनिगम ने 400 मीट्रिक टन वेस्ट की प्रोसेसिंग कर तीन प्रोडक्ट बनाने शुरू कर दिए हैं जिनसे कचरा समाप्त हो रहा है। तो वहीं कृषि के उपयोग के लिए भी आवश्यक खाद का निर्माण हो रहा है। इसी खाद का उपयोग गुजरात के नेशनल पार्क में लगे पेड़ों में किया जा रहा है। वहीं दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास हरियाली को बढ़ावा देने में भी मुरादाबाद का ही योगदान है। आपको बता दें कि मुरादाबाद के नगर निगम के द्वारा तैयार की गई खाद को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में ग्रीनरी का काम कर रही एक कंपनी को भेजा गया है। इसके अलावा गुजरात के नेशनल पार्कों में भी मुरादाबाद के ये प्रोडक्ट भेजे जा रहे हैं।
कूड़े से तैयार की गई इस जैविक खाद की डिमांड गुजरात दिल्ली के साथ-साथ अन्य प्रदेशों से बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है। मुरादाबाद के नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो मुरादाबाद में कूड़े से तैयार इस खास को पिछले एक साल से इस प्रोसेसिंग प्लांट के आठ किलोमीटर लंबे दायरे में किसानों को फ्री में दिया जा रहा था। जब इसका रिजल्ट बहुत अच्छा रहा तो फिर नगर निगम के द्वारा इस खाद की मार्केटिंग करने के लिए लाइसेंस के लिए अप्लाई किया गया। लाइसेंस मिलने के बाद अब खाद को देशभर में सप्लाई किया जा रहा है।
मुरादाबाद से खत्म हो रहा है कूड़े का पहाड़
ऐसा बताया जा रहा है कि मुरादाबाद में कूड़े की बहुत सारी ढेर बनते जा रहे थे। कूड़े के ढेर लोगों के लिए नुकसानदायक है और नई नई बीमारियां उत्पन्न कर रहे थे। लेकिन अब मुरादाबाद नगर निगम के द्वारा जब इस कूड़े का उपयोग खाद बनाने में किया जा रहा है तो धीरे-धीरे कचरे के यह पहाड़ खत्म होते जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक यह कहा जा रहा है कि इस खाद को बनने में 21 दिन का समय लगता है। नगर निगम को उम्मीद है कि जल्द ही 400 मीट्रिक टन कूड़े की रोज प्रोसेस कर इससे खाद, ईंधन और बिल्डिंग मटेरियल बनाने की गति वह हासिल कर लेंगे?
पहले किसानों को फ्री में दिया गया था खाद
मुरादाबाद के नगर निगम के अधिकारियों ने बताया है कि मुरादाबाद में कूड़े से तैयार इस खास को पिछले एक साल से इस प्रोसेसिंग प्लांट के आठ किलोमीटर लंबे दायरे में किसानों को फ्री में दिया गया था। जब इसके परिणाम अच्छे रहे तो मुरादाबाद नगर निगम ने इस खाद की मार्केटिंग लाइसेंस के लिए अप्लाई किया। अब जबकि मुरादाबाद नगर निगम के पास उसका लाइसेंस आ गया है तो देश भर में नगर निगम के खाद को सप्लाई किया जा रहा है।