भारत में संकट के समय में दुनियाभर को वैक्सीन पहुंचाने का काम किया था। हमने दुनिया को उस समय वैक्सीन दी थी जब हमारे देश में मामले कम थे लेकिन संक्रमण पूरी तरह समाप्त नहीं हो पाया था। फिर भी हमने वसुधैव कुटुंबकम के इस लोक को सच साबित करने के लिए सारी दुनिया को वैक्सीन देने का काम किया था। लेकिन इस कठिन समय में जब हमें वैक्सीन की आवश्यकता है तो बहुत सारे देश भारत की सहायता करने से पीछे हट रहे हैं। लेकिन इसी बीच भारत के लिए खुशखबरी फ्रांस की ओर से आई है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूरोपीय संघ के नेताओं से बातचीत के दौरान कहा कि भारत ने बहुत सारे देशों को टीके की मदद के रूप में ढेर सारी मानवता का निर्यात किया है। इसीलिए टीका आपूर्ति के बारे में भारत को किसी से भी भाषण सुनने की जरूरत नहीं है। उनका यह बयान तब आया है जब हमारे देश के ही लोग दुनियाभर को वैक्सीन सप्लाई करने वाले निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं।
हालांकि भारत के द्वारा जिन देशों की मदद की गई उन देशों के द्वारा भी अब भारत को सहायता की जा रही है। जो देश संकट के समय में भारत की मदद कर रहे हैं उनके नाम और उनके द्वारा भेजी जाने वाली सामग्री निम्नलिखित है।
- आयरलैंड 700 कंसंट्रेटर 365 वेंटिलेटर
- रोमानिया 80 कंसंट्रेटर, 75 ऑक्सीजन सिलेंडर
- जर्मनी 3 महीने के लिए मोबाइल ऑक्सीजन प्लांट,जर्मनी के द्वारा 120 वेंटिलेटर
- पुर्तगाल से 20,000 लीटर लिक्विट ऑक्सीजन
- स्वीडन मदद के रूप में भारत को 120 वेंटिलेटर
- लग्जमबर्ग भी भारत की मदद के लिए 58 वेंटिलेटर
इसके अलावा निम्न देश भी भारत की संकट के समय में सहायता कर रहे हैं :
- फ्रांस
- आयरलैंड
- बेल्जियम
- लग्जमबर्ग
- पुर्तगाल
- स्वीडन
- सऊदी अरब
- UAE
- ब्रिटेन
- रूस
- अमेरिका