संयुक्त राष्ट्र परिषद का अस्थाई सदस्य बनने के बाद भारत एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ खुलकर बोलने लगा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मंच पर पहला भाषण मंगलवार को दिया। एस जयशंकर ने आतंकवाद को स्थाई तथा अस्थाई सदस्यों के समक्ष मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद मानवता के मूल सिद्धांत को समाप्त करने की कोशिश करता है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र परिषद में आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए 8 सूत्री कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर खूब हमला बोला।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ” भारत का पहला फार्मूला यह है कि आतंकवाद को किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं ठहराना चाहिए। आतंकवाद की लड़ाई में कोई भी किंतु परंतु नहीं होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर सभी देशों को एक जैसा रवैया अख्तियार करना चाहिए। आतंकवाद पर दोहरा रवैया नहीं होना चाहिए। आतंकवाद में अच्छे या बुरे का भेदभाव नहीं करना चाहिए, यह केवल कुछ देशों का एजेंडा है जिससे वे अपने निजी स्वार्थों को आगे बढ़ा सके।”
पाकिस्तान देता है आतंकवादियों को शरण
एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, “1993 में भारत में हमले करने वाले अपराधियों को पड़ोसी देश में शरण मिली थी। जिन लोगों को आतंकी सूची में शामिल करना है या जिन्हें आतंकी सूची से बाहर करना है, उनके बारे में गंभीरता से विचार विमर्श होना चाहिए। इसके बारे में फैसला राजनीतिक तथा धार्मिक तथ्यों पर नहीं होना चाहिए। कुछ देश मौजूदा नीति का फायदा उठाने की कोशिश भी कर रहे हैं।”