अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी अर्थव्यव्स्था पर कोरोना वायरस के असर को लेकर स्वीकार किया है, कि यह वायरस देश में आर्थिक संकट लेकर आ सकता है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जा रही है इस सवाल पर ट्रंप ने कहा, ‘ऐसा हो सकता है, लेकिन हम इसे वायरस से जोड़कर नहीं देख रहे हैं। मुझे लगता है कि स्टॉक मार्केट और अर्थव्यवस्था के मामले में बड़ी और दबी हुई मांग है। एक बार जब हम इससे (वायरस) से निपट लेंगे, इसमें बड़ी उछाल देखने को मिलेगी।’ बता दें कि कोरोना से लड़ने के लिए देशभर में अधिकारियों ने अमेरिकी जनजीवन के कई आवश्यक पहलुओं पर रविवार को रोक लगा दी थी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने 50 या उससे अधिक लोगों को एकजुट न होने देने की अनुशंसा की है।
कोरोना वायरस का संकट गहरा से विभिन्न राज्यों के गवर्नर और मेयर रेस्तरां, बार और स्कूल बंद करने के आदेश दे रहे हैं। संघीय सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फोसी ने कहा कि वह चाहते हैं कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में 14 दिन तक कामंबदी लागू की जाए। आर्थिक मंदी के आसन्न खतरे को देखते हुए फेडरल रिजर्व ने अपने निर्देशित ब्याज दर को घटा कर लगभग शून्य कर दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति पर ‘जबर्दस्त नियंत्रण’ की घोषणा करते हुए तनावग्रस्त राष्ट्र को आश्वस्त करने का प्रयास किया और लोगों से किराने का सामान खरीदने को लेकर हाय-तौबा नहीं मचाने की अपील की। बंदूक के स्टोर पर भी इसी तरह का चलन देखने को मिल रहा है जहां लोग हथियार और गोला-बारूद खरीद कर अपने पास रख रहे हैं।
दुनिया भर में अब तक 7000 से ज्यादा लोगों की मौत का कारण बन चुके कोरोना वायरस से निपटने के लिए अमेरिका ने एक वैक्सीन का मानव परीक्षण (ह्यूमन ट्रायल) शुरू किया है। सोमवार को पहले शख्स पर इस टीके का प्रयोग किया गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसकी प्रशंसा करते हुए कहा कि यह दुनियाभर में सबसे जल्दी विकसित किया जाने वाला टीका है। बता दें कि अमेरिका में कोरोना के चलते 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकी चिकित्सा समुदाय ने कोरोना वायरस प्रकोप से निपटने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के कदमों की सराहना की है। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ऑरिजन (एएपीआई) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति से सक्रियता से निपटने का ट्रंप प्रशासन का तरीका सराहनीय है। यहां भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टरों की तादाद 1,00,000 के करीब है। डॉक्टर कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस टास्क फोर्स ने बीमारी को फैलने से रोकने के लिए जरूरी संसाधनों का इस्तेमाल किया है।