भारत और अमेरिका की सरकार के बीच हुई F-15EX जंगी विमानों को लेकर बातचीत, एफ-15 विमानों की श्रृंखला का आधुनिक स्वरूप है F-15EX

भारत लगातार की वायुसेना की ताकत को बढ़ाना चाहता है जिसके लिए विश्व के कई देशों से सैन्य व्यापार किया जा रहा है। इसी श्रंखला में F-15 विमानों की श्रेणी वाले सबसे ताकतवर विमान F-15EX को अमेरिका की मशहूर कंपनी बोइंग से खरीदा जाएगा।

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चित्र साभार: ट्विटर @jamie_aviacom

विश्व के सभी देशों की तरह भारत भी अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाना चाहता है। भारत अपनी सैन्य शक्ति को किसी भी देश के खिलाफ प्रयोग नहीं करना चाहता बल्कि वह आत्म रक्षा के लिए अपने सैन्य शक्ति को दुनिया में बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है। फ्रांस से राफेल विमानों की खरीद इस बात का प्रमाण है कि भारत बुध में भी सबसे बेहतर है और युद्ध में भी सबसे बेहतर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार बोइंग कंपनी के एक अधिकारी ने बताया है भारत और अमेरिका के बीच युद्धक विमान F-15ex को लेकर बातचीत चल रही है। इसी सिलसिले में अमेरिका और भारत की वायु सेनाओं ने आपस में कई सूचनाओं को शेयर भी किया है।

अमेरिका की सरकार के द्वारा भारत को यह युद्धक विमान बेचने के लिए अनुमति प्रदान कर दी गई है।बोइंग इंटरनेशन सेल्स ऐंड इंडस्ट्रीयल पार्टनशिप्स की उपाध्यक्ष मारिया एच लैने ने बताया कि भारत को एफ-15ईएक्स विमान देने के हमारे लाइसेंस संबंधी अनुरोध को अमेरिका की सरकार ने स्वीकार कर लिया है। दोनों देशों की सरकारों के बीच चर्चा हुई है। दोनों देशों की वायुसेना ने एफ-15ईएक्स के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान किया।

F-15EX विमान की विशेषताएं

  • हवा से हवा में मार करने के लिए इस युद्ध विमान को काफी अच्छा माना जाता है। इसकी एयरोडायनेमिक बनावट के कारण इसे मल्टीरोल एयरक्राफ्ट की श्रेणी में बेहतरीन माना जाता है।
  • एफ-15 के अलग-अलग वैरियंट कई देशों की वायुसेना में शामिल हैं। अमेरिकी वायुसेना में तो 210 की संख्या में एफ-15ईएस लड़ाकू विमान तैनात हैं।
  • इस विमान की निर्माता कंपनी का दावा है कि अब तक इस युद्धक विमान में करीब 100 से ज्यादा जंगी विमानों को अपना निशाना बनाया है। इसके अलावा कंपनी यह भी दावा करती है कि अब तक किसी भी युद्ध में किसी भी देश की वायु सेना इस युद्ध विमान को अपने निशाने पर नहीं ले पाई।
  • F-15EX में नए फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल, एक नया इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और उन्नत कॉकपिट सिस्टम के कारण यह दुश्मन के एयरक्राफ्ट पर भारी पड़ता है।

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