उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में ESMA लागू कर दिया है। कुछ समय पहले भी संक्रमण काल के दौरान इसी प्रकार का फैसला प्रदेश सरकार ने किया था। योगी आदित्यनाथ के फैसले के बाद अब प्रदेश में 6 महीनों तक सरकारी विभाग का कोई भी कर्मचारी हड़ताल नहीं कर पाएगा। पिछली बार भी इस पाबंदी को 25 नवंबर 2020 से लागू किया गया था। कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि सरकार ने उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) के अधीन अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए हड़ताल पर और छह महीने की अवधि के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
मुकुल सिंघल का कहना है कि राज्य के कार्य-कलापों से संबंधित किसी लोक सेवा, राज्य सरकार के स्वामित्व तथा नियंत्रण के तहत किसी सेवा और किसी स्थानीय प्राधिकरण के अधीन किसी सेवा के कर्मचारियों के लिए हड़ताल पर रोक रहेगी।बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य और ऊर्जा विभाग में संभावित हड़ताल को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार के इस एक्ट को छह महीने तक और बढ़ाने के प्रस्ताव को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की भी मंजूरी मिल गई है।
क्या होता है ESMA?
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिये लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य दूसरे माध्यम से सूचित किया जाता है। एस्मा अधिकतम छह महीने के लिये लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दण्डनीय है। इस कानून का उल्लंघन करने पर कर्मचारी को रुपए अथवा की जेल दोनों में से किसी भी प्रकार से दंडित किया जा सकता है। यह कानून कब लागू किया जाता है जब किसी क्षेत्र में हड़ताल की संभावना होती है।