राजस्थान की पुलिस ने हाल ही में एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जोकि आठवीं फेल होने के बावजूद भी बड़े-बड़े अफसरों की तरह वीवीआइपी सुविधाओं का पूरा लाभ उठा रहा था। यह व्यक्ति पपला गुर्जर गैंग का अहम सदस्य है। वह हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में फर्जी तरीके से वीवीआईपी सुविधा और पुलिस सुरक्षा ले रहा था। यह संभावना भी जताई जा रही है कि कहीं इस व्यक्ति का संबंध कानपुर के विकास दुबे कांड से भी न हो। दिल्ली के खानपुर में रहने वाला यह व्यक्ति आठवींं फेल है।
गजराज सिंह युवा हिन्दू परिषद् और भारत सरकार के राशन वितरण और सलाहकार समिति का सदस्य बनकर उनके लेटर हेड पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के पुलिस महानिदेशकों, मुख्य सचिवों और संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टरों को मेल कर उनसे वीवीआईपी सुविधा और पुलिस सुरक्षा हासिल करता था।
भरतपुर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ अमनदीप सिंह कपूर ने बताया की गजराज सिंह गुर्जर कई सालों से फर्जी तरीकों से तीन राज्यों में घूमता था और फर्जी मेल कर वीवीआईपी सुविधा के साथ-साथ पुलिस सुरक्षा भी हासिल करता रहा है। ये अपने आपको कई बड़े संगठनों का पदाधिकारी भी बताता था और इसने पपला गुर्जर को फरीदाबाद से उस समय भगाने में मदद की थी।
जब राजस्थान पुलिस पपला गुर्जर को गिरफ्तार करने के लिए दबिश देने पहुंची थी। गजराज सिंह गुर्जर ने भरतपुर के एसपी और कलेक्टर तथा प्रदेश के डीजीपी को मेल किया था। इस ठग द्वारा किए गए मेल को ध्यान से पढ़ने पर उसमें कई गलतियां मिली जिससे राजस्थान पुलिस को उस पर शक हुआ। इसके बाद पुलिस अधिकारियों को उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर भेजा गया। जहां से वो पुलिस सुरक्षा मांग रहा था। वहां इससे पूछताछ की गई और इसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार इस ठग कनेक्शन में कई गैंगस्टर्स के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
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