भारत में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति है जिसने ‘तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे?’ इस गाने को न सुना हो। एक दौर था जब हर शादी महोत्सव में इस गीत को बजाया जाता था। इस गीत को आवाज देने वाले अल्ताफ राजा इसी गाने के कारण मशहूर हुए थे और उन्हें बॉलीवुड जगत में एंट्री मिली थी। लंबे समय के बाद उन्होंने आज तक को दिए एक इंटरव्यू में कई प्रमुख बातों का जिक्र किया है। आज तक में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि “मैं आज भी फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हूं। लेकिन जब लोग कहते हैं कि अल्ताफ गुम हो गया है तो मुझे अच्छा नहीं लगता।” अल्ताफ कहते हैं, ‘कुछ कल्ट चीजों को बनने में वक्त लगता है। जैसे शोले बनने में वक्त लगी थी। ठीक वैसे ही इस गाने को बनाने में एक लंबा अरसा लगा। मेरी हर वक्त कोशिश रही है कि मैं अपने गानों को शायरी के साथ एक स्पेशल टच दूं… इस गाने में मैंने अपनी कोशिश से बढ़कर महीने वाला फैक्टर डाला था। यह अनोखी कोशिश थी और खुशी इस बात की है, आज भी लोगों को यह कोशिश पसंद आती है।’
अल्ताफ यह भी कहना नहीं भूलते कि इस गाने ने उनकी जिंदगी को बदल कर रख दिया। अल्ताफ कहते हैं, ‘बचपन से ही मैं सिंगिंग की तालीम ले रहा हूं। मैं उस दौर का इंडिपेंडेट आर्टिस्ट भी था। ऐसे में जब यह गीत लोगों के बीच आई, तो एक अलग तरह की शौहरत से नवाजा गया मुझे। इस गाने को अपने करियर का टर्निंग पॉइंट मानता हूं। इसी ने मुझे फिल्मों में भी एंट्री दिलवाई। इस गाने के बाद कई म्यूजिक प्रोड्यूर्स की लाइन लग गई थी।’ गुस्से में अल्ताफ ये भी कहते हैं कि लोग यहां सपना चौधरी जैसे लोगों को हाइलाइट करते हैं। सोशल मीडिया पर सपना चौधरी का जिक्र होता रहता है। आप ही बताएं उनका कौन सा गाना वर्ल्ड वाइड हिट हुआ है? फिर भी उन्हें तवज्जों दी जा रही है… जो हमेशा चलते हैं, उनके काम को नहीं दर्शाते हैं…
फिल्मी गानों की सक्रियता पर अल्ताफ कहते है, ‘मुझे बहुत बुरा लगता है कि लोग आकर मुझसे कहते हैं कि कहां गुम हो गए, अब फिल्मों में क्यों नहीं गाते हो…लेकिन आप बताएं, मैं तो लगातार सक्रिय हूं। मैंने घनचक्कर, हंटर जैसी फिल्मों में गाना गाया है। अब कोई ऐसा कहे कि मैं गुम हूं, तो सुनकर कोफ्त होती है। हर साल मेरा गाना रिलीज होता है, कुछ समय पहले ही इंदौरी इश्क भी रिलीज हुई है। बस लोग अब पहचानते नहीं हैं।’
रियलिटी शो से दूर रहते हैं अल्ताफ राजा
रिएलिटी शोज पर अपनी राय रखते हुए अल्ताफ राजा कहते हैं, ‘मुझे कई बार इन शोज के लिए कॉल्स आ चुके हैं, लेकिन मैं फकीर किस्म का इंसान हूं। मेरे लिए 12 से 15 घंटे तक बंध कर रहना मुश्किल होगा और वहां के तौर-तरीके भी नहीं पसंद है। हम चाहे जिसे भी पसंद कर लें, लोग एसएमएस के जमाने में अपना ही चलाएंगे। शो के अंदर होने वाले ड्रामे और एक्टिंग का हिस्सा मैं बन नहीं पाऊंगा।’
अपने गीतों पर लोगों के द्वारा की जाने वाली टिप्पणियों पर उनका कहना है कि लोगों का तो काम है कहना। ये ही दुनिया का दस्तूर है। लोग हमेशा आपको गालियां देते रहेंगे। हम आर्टिस्ट अपनी साधना में लगे रहते हैं हमें लोगों की परवाह नहीं है। अब कोई कहे ट्रक ड्राइवर के लिए गाना बनाता हूं या थर्ड क्लास गीत हैं मेरे, मैंने कभी तवज्जों दी ही नहीं। मैं इन निगेटिव कमेंट्स पर ध्यान नहीं देता हूं।