कोर्ट ने सोमवार के दिन घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला के केस पर बड़ा फैसला सुनाया है ।साथ ही आरोपी पति की अग्रिम जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है। दरअसल महिला ने साल 2020 में अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। साथ में यह भी दावा किया उसके ससुराल वाले उसे बल्ले से मारते पीटते थे। उसे दहेज के लिए प्रताड़ित भी किया करते हैं। महिला ने अपनी शिकायत में यह भी खुलासा किया कि उसके ससुराल वालों ने उसके बच्चे को भी मारने का प्रयास किया, लेकिन उसने किसी तरह अपने बच्चे को बचा लिया, लेकिन अब उसे इस मामले में इंसाफ चाहिए।
वहीं इस मामले पर अब सोमवार के दिन कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी पति की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने आरोपी पति से यह भी पूछा, “आप किस तरह के इंसान है कि अपनी पत्नी को मारने के लिए बल्ले का प्रयोग करते हैं?” जिस पर आरोपी के वकील ने कोर्ट में यह दलील पेश किया कि महिला ने खुद दावा किया कि उसके ऊपर अत्याचार पति के पिता ने की थी, इसलिए उनका मुवक्किल इस मामले में बेगुनाह है, जिस पर कोर्ट ने कड़े रुख में कहा, “हम अपने इस फैसले में यह बात साफ कर देना चाहते कि ससुराल में महिला के ऊपर चाहे किसी भी रिश्तेदार ने अत्याचार किया हो जिम्मेदार पति ही माना जाएगा।”
हम आपको बता दें पति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद पत्नी ने अपने बयान में बताया कि यह उसकी दूसरी शादी थी, जबकि पति की यह तीसरी शादी थी ।दोनों ने साल 2018 में एक दूसरे के साथ विवाह किया था, लेकिन बाद में रिश्ते बिगड़ने लगे और वह साल 2019 में एक बच्चे की मां भी बन गई, लेकिन जब उसके ऊपर जुल्म अधिक होने लगे तो उसने साल 2020 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।