भारतीय क्रिकेटर और भारतीय जनता पार्टी से सांसद गौतम गंभीर और पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के बीच लगातार विवाद जारी है। यह माना जाता है कि यह दोनों क्रिकेटर खेल के मैदान में ही एक दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन नहीं बल्कि क्रिकेट जगत से अलग भी इन दोनों की दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है। शाहिद अफरीदी यह मानते हैं कि गौतम गंभीर एक अच्छे बल्लेबाज हैं। लेकिन वे यह कहते हैं कि इस पूर्व ओपनर की कुछ बातें ऐसी हैं जो उन्हें इंसानी दुनिया से अलग करती हैं। अफरीदी कहते हैं कि गौतम गंभीर के भीतर एक इंसान के रूप में बहुत सारी कमियां हैं।
कभी-कभी यह पूर्व बल्लेबाज कुछ ऐसा कर देते हैं जिसके बाद हमें यह सोचना पड़ता है कि चलो जाने दो इसमें तो कुछ परेशानी है। शाहिद अफरीदी और गौतम गंभीर के बीच जुबानी जंग आज से नहीं लगभग 2007 से ही जारी है। बीच-बीच में सोशल मीडिया पर इन दोनों की दुश्मनी सामने भी आ जाती है। गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी करने के कारण शाहिद अफरीदी को गौतम गंभीर ने 17 साल का बच्चा बता दिया था। शाहिद अफरीदी ने कहा कि गौतम गंभीर सबसे असुरक्षित लोगों में से एक थे। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान पैडी उपटन के गौतम गंभीर पर दिए गए उस बयान का जिक्र कर रहे थे, जो उनकी किताब में है। उपटन ने 2009 और 2011 के बीच भारतीय टीम के साथ मानसिक कंडीशनर के रूप में काम किया था।
उन्होंने कहा था कि 100 रन बनाने के बाद भी गंभीर दुखी रहते थे और उनका जोर अपनी गलतियों पर लगा रहता था। उपटन ने अपनी किताब में लिखा, ”मानसिक मजबूती की धारणा के अंतर्गत मैंने जिन लोगों के साथ काम किया था, उनमें गंभीर सबसे कमजोर और मानसिक रूप से सबसे असुरक्षित लोगों में से एक थे।” शाहिद अफरीदी के इस बयान पर गौतम गंभीर ने कहा, “पैडी उपटन ने जो किताब में लिखा था वह शत प्रतिशत सत्य था क्योंकि मैं स्वयं को प्रेरित करता था कि मैं अपनी टीम को आगे ले जाऊं। यही कारण था कि मैं 100 रन बनाने के बाद भी संतुष्ट नहीं हो पाता था।”