वन नेशन वन राशन कार्ड मोदी सरकार की काफी अहम और महत्वकांशी योजना है। इसका फायदा उन गरीब मजदूरों को सबसे अधिक मिलेगा जो एक राज्य से दूसरे राज्य में काम करने के लिए जाते हैं। केंद्र सरकार इस योजना को लागू करने में काफी तेजी दिखा रही है। पहले ही इस योजना को आने वाली 1 जून से देश भर में लागू करने का ऐलान किया जा चुका है। इतना ही नहीं देश के 12 राज्यों में ये योजना 1 जनवरी से लागू भी हो चुकी है। मगर इस योजना की जरूरत पर ध्यान देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह प्रवासी मजदूरों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को सब्सिडी वाला अनाज मुहैया करने के लिए चल रहे कोरोनावायरस लॉकडाउन अवधि के दौरान ‘वन राष्ट्र, वन राशन कार्ड’ योजना को लागू करने पर विचार करने को कहा है। लॉकडाउन में कई लोगों के सामने अनाज की किल्लत है। ऐसे में ये योजना इन लोगों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है।
पिछले साल जनवरी से होनी थी शुरू
दिसंबर में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने कहा था कि 1 जनवरी 2020 से सरकार की ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना शुरू हो जायेगी। हालांकि ये योजना पूरे देश में लागू नहीं हो सकी। वन नेशन, वन राशन कार्ड बड़े पैमाने पर प्रवासी और दिहाड़ी ग्रामीणों को कवर करेगा। वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना का सबसे बड़े फायदा यह होगा कि योग्य लाभार्थी एक ही राशन कार्ड के इस्तेमाल से देश में किसी भी फेयर प्राइस शॉप (एफपीएस) से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अनाज ले सकेंगे। नये सिस्टम से फर्जी राशन कार्ड पर लगाम लगेगी। साथ ही इस योजना के जरिये लाभार्थी स्वतंत्र होंगे और किसी एक पीडीएस दुकान से बंधे नहीं रहेंगे।