सभी जानते हैं कि नेपाल, चीन और पाकिस्तान इस समय एक ही स्वर में बोल रहे हैं और वह स्वर है भारत का विरोध। पहले चीन से भारतीय सैनिकों की भिड़ंत हुई, फिर नेपाल ने विवादित नक्शा जारी किया और अब पाकिस्तान ने विवादित नक्शा जारी कर भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देने की कोशिश की है। इसी बीच खबर आ रही है कि चीन, पाकिस्तान के साथ खड़ा हो गया है। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने की पहली वर्षगांठ पर चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत के विरोध में प्रतिक्रिया दी है।
पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान ने बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेंगविन से प्रेस कॉन्फ्रेंस में कश्मीर और भारत के लिए सवाल पूछा। उन्होंने पूछा कि भारत में कश्मीर की जनसांख्यिकी संरचना बदलने के लिए जो एकतरफा कदम उठाया जा रहा है, उसे 1 साल पूरा हो गया है। अभी बेगुनाहों कश्मीरियों के खिलाफ अत्याचार जारी है। भारत की यह कोशिश युद्ध विराम के उल्लंघन के अलावा पाकिस्तान के खिलाफ बयानबाजी क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा है, इस पर चीन का क्या रुख है?
इसके जवाब में चीन के प्रवक्ता ने कहा, “चीन की नजर लगातार कश्मीर के हालात पर बनी हुई है। कश्मीर मुद्दे पर हमारा रुख बिल्कुल स्थायी और स्पष्ट है। पहली बात तो यह कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक रूप से विवादित है। यह बात संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में दोनों देशों के द्विपक्षीय समझौतों में कहीं भी नहीं की गई है।”
दूसरी बात यह कि कश्मीर की यथास्थिति में किसी भी तरह का एकतरफा बदलाव अवैध है। तीसरी बात यह कि कश्मीर मसले का समाधान संबंधित पक्षों को शांतिपूर्ण रूप से बातचीत के जरिये किया जाना चाहिए। भारत और पाकिस्तान दोनों पड़ोसी देश हैं और इन्हें बदला नहीं जा सकता। दोनों के बीच अच्छे संबंध हो इसी से देश की शांति और तरक्की होगी। आप सभी जानते हैं कि पाकिस्तान और चीन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। पाकिस्तान की हौसले इसीलिए बुलंद हैं क्योंकि चीन का हाथ पाकिस्तान के ऊपर रहता है और चीन का हाथ पाकिस्तान पर इसलिए रहता है क्योंकि वह पाकिस्तान के सहारे भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने की कोशिश करता है।