आप लोगों ने अपने जीवन में एक ना एक बार कार रेसिंग में भाग जरूर लिया होगा। इस दौरान आपने पुलिस का पीछा किया होगा, कई दुश्मनों को मारा होगा, सड़क के किनारे माफियाओं से संकट में अपने दोस्तों को भी बचाया होगा। इन सब के बीच आपको भी कई बार चोट भी लगी होगी। हालांकि ये सब चीजें आपके साथ बचपन में गेमिंग की दुनिया (Gaming Industry) में हुई होंगी, जिसे याद कर आज भी बचपन में लौट जाने का मन करता है।
भले ही आज से कुछ सालों पहले गेमिंग की दुनिया को ज्यादा बढ़ावा नहीं दिया गया हो लेकिन अगर जॉब के लिहाज से देखें तो यह आने वाले समय में हॉट सेक्टर होगा। ऐसे में आप गेमिंग में शानदार करियर बना सकते हैं, जो आपकी लाइफ का चेंजिग मोड़ साबित हो सकता है। गेमिंग एक ऐसा क्षेत्र बन गया है जिसकी तरफ आज हर आयु के लोग आकर्षित हो रहे हैं।
आज की पीड़ी के बच्चे गुल्ली-डंडा, कबड्डी, खो-खो जैसे खेलों से वाकिफ हों या न हों लेकिन सुपर मारियो, सुपर कॉन्ट्रा और पब्जी (PUBG) जैसे कंप्यूटर और मोबाईल गेम्स के प्रति इन बच्चों का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। प्ले-स्टेशन और वर्चुअल रियल्टी गेम आने के बाद से युवा वर्ग की दिलचस्पी भी गेमिंग वर्ल्ड में बढ़ने लगी है। यही वजह है कि करियर के लिहाज से गेमिंग सेक्टर (Gaming Industry) अब एक बेहतरीन ऑप्शन बन गया है। अगर आप भी अपने करियर को लेकर आशवस्त नहीं हो पा रहे हैं और गेमिंग की दुनिया से लगाव रखते हैं, तो इस क्षेत्र में करियर आपके लिए अच्छा विकल्प साबित होगा।
क्या होती है गेमिंग की दुनिया
गेमिंग शब्द सुनने में जितना आसान और मजेदार लगता है, इस फील्ड में करियर बनाना उतना ही कठिन है। हालांकि अगर आप एक बार इस सेक्टर में पर्फेक्ट हो जाएंगे तो आपके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं होगा। गेमिंग की बात करें तो ये एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कई जटिल प्रक्रियाओं का मिश्रण होता है। वीडियो गेम्स (Video Games) का निर्माण मल्टीमीडिया, ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के प्रयोग द्वारा किया जाता है। गेमिंग के निर्माण के पीछे कई अनुभवी टीमों की मेहनत होती है।
वीडियो गेम्स को सामान्यतः चार भागों में बांटा जाता है। एक्स बॉक्स गेम्स, कंप्यूटर गेम्स, मोबाइल गेम्स तथा थिएटर गेम्स। हालांकि इन सभी भागों का मकसद सीधा गेम के प्रति रूचि रखने वाले लोगों के दिमाग को आकर्षित कर उन्हें इस तकनीक से जोड़ना होता है। गेमिंग को आप ऐनिमेटिड पिक्चर्स का मिश्रण भी कह सकते हैं जिसे ग्राफिक्स के जरिए गेमिंग में उतारा जाता है।
कोर्स करने के लिए जरूरी योग्यता
अगर आप भी गेमिंग की दुनिया में करियर बनाना चाहते हैं तो आपको इस कोर्स की शुरुआत करने से पहले जरूरी योग्यता की आवश्यकता पड़ेगी। वीडियो गेम डिजाइनिंग सिखाने वाले संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए उम्मीदवार का स्नातक पास होना अनिवार्य है। स्नातक की परीक्षा किसी भी स्ट्रीम से पास करने के बाद आप इस कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। भारत में गेमिंग में डिप्लोमा या एडवांस डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है। इस कोर्स के बाद आप गेमिंग की हर फील्ड (Gaming Industry) में खुद को एक बेहतर गेमर बना सकते हैं।
कोर्स की अवधि और फीस
गेमिंग से जुड़ी जानकारी देने के लिए कुछ संस्थान एनिमेशन तथा मल्टीमीडिया के कोर्स के दौरान ही इस कोर्स की जानकारी दे देते हैं। कोर्स के दौरान ड्राइंग, डिजाइनिंग, प्रोडक्शन, प्रोग्रामिंग, लाइटिंग के साथ-साथ एनिमेशन व डिजिटल आर्ट्स सिखाया जाता है। इन सभी कोर्सों की अवधि एक से दो वर्ष होती है। वहीं कुछ संस्थान इस कोर्स का डिप्लोमा कोर्स भी कराते हैं, जिसकी अवधि 6 से 8 महीने की होती है। इसके अलाव इस फील्ड में 3 वर्ष की ग्रेजुएशन डिग्री का कोर्स भी होता है, जिसकी फीस लगभग 2 से 3 लाख रुपये की होती है। इसके सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स के लिए आपको 1 लाख तक का भुगतान करना पड़ेगा।
कोर्स करने के बाद क्या करें?
गेमिंग का कोर्स पूरा करने के बाद आपके पास करियर के कई विकल्प मौजूद होते हैं। आइए आपको बताते हैं उन विकल्पों के बारे में-
वीडियो गेम प्रोड्यूसर
वीडियो गेम प्रोड्यूसर का काम पूरे प्रोडक्शन के काम पर नजर रखना होता है। इस तरह के इंजीनियर टीम के साथ मिल कर डिजाइन, आर्ट, क्वालिटी कंट्रोल जैसी चीज़ों पर काम करते हैं। इस फील्ड में तैयार होने के लिए थ्री डी मॉडलिंग और टू डी सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया जाता है।
एनिमेटर
गेमिंग की दुनिया में एनिमेटर का काम सबसे महत्वपूर्ण होता है। एनिमेटर का काम प्रोग्रामर और सीनियर आर्टिस्ट के साथ मिल कर हर पहलू पर काम करना होता है। एनिमेटर का मुख्य काम गेम के कैरेक्टर को फिजिकल मूवमेंट देना होता है।
गेम डिज़ाइनर
गेम डिज़ाइनर उस गेम के कॉन्सेप्ट की कल्पना करते हैं जिस पर प्रोग्रामर, एनीमेटर, प्रोड्यूसर और ऑडियो इंजीनियर बाद में तैयार करते हैं। गेम डिज़ाइनर को कई बड़े संस्थानों में काफी महत्व दिया जाता है।
साउंड डिज़ाइनर
बिना साउंड के गेमिंग की दुनिया का कोई वर्चस्व नहीं है। एक बेहतरीन और अलग साउंड क्वालिटी गेम को एक अलग ही स्तर पर ले जाती है। इस फील्ड (Gaming Industry) के तहत कई संस्थान साउंड इंजीनियरिंग में सर्टिफिकेट कोर्स भी कराते हैं।
ग्राफ़िक प्रोग्रामर
गेम को डेवलप करने में ग्राफिक प्रोग्रामर टेक्निकल सपोर्ट देता है लेकिन इसके लिए ग्राफिक प्रोग्रामर को C, C++, डायरेक्ट एक्स, ओपन जीएल, विंडो प्रोग्रामिंग, 3D पैकेज आदि के बारे मालूम होना चाहिए।
कोर्स करने के बाद आप कितना कमा सकते है?
विदेशों में गेमिंग फील्ड (Gaming Industry) बहुत आगे बढ़ चुकी है और वहां इसका कारोबार करोड़ो-अरबों रुपयो तक पहंच गया है, लेकिन भारत में इस फील्ड का अभी डेवलपिंग दौर चल रहा है। इस फील्ड में जाने के बाद आप सालाना अच्छी कमाई कर सकते हैं। इस समय रोजगार के लिहाज से यह सेक्टर एक बेहतरीन ऑप्शन है। आने वाले समय में गेमर्स की तरक्की होना तय है। देश में गेमिंग की दुनिया में टू डी और थ्री डी प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ने लगी है और इसे ही भारत में हाइटेक गेमिंग वर्ल्ड का शुरुआती दौर कहा जा रहा है।
इस फील्ड (Gaming Industry) में अगर आप किसी गेमिंग कंपनी में बतौर इंजीनियर या डिज़ाइनर काम शुरु करते हैं, तो भारत में आपको महीने में 35 से 40 हजार रुपए तक की कमाई करने का मौका मिल सकता है। वहीं विदेश जाकर अगर आप नौकरी करते हैं तो आसानी से 2 से 3 लाख रुपए महीना कमा सकते हैं। इसके अलावा आप खुद का गेम डोमेन शुरू कर सालाना लाखों रुपयों की कमाई कर सकते हैं। कैंडी क्रश, सबवे सर्फर जैसे गेम बनाने वाले डेवलपर्स आज करोड़ो रुपए का कारोबार कर रहे हैं।