अमेरिकी चुनाव में हिन्दुओं को रिझाने में जुटी दोनों पार्टियां

अमेरिका में हिंदुओं के बढ़ते राजनीतिक महत्व का संकेत मिलता नजर आ रहा है। साल 2016 में अमेरिका की आबादी में हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करीब एक प्रतिशत था। गौरतलब है, अमेरिका में बीते 4 सालों में हिंदुओं की आबादी में और बढोत्तरी हुई है।

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वाशिंगटन | अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन अपने प्रचार अभियान में जुट गए हैं। इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में एक खास चीज ये देखने को मिल रही है कि इस बार चुनाव में पार्टियां छोटे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को भी रिझाने में लगी हुई हैं। खासतौर पर अमेरिका में रहने वाले हिंदुओ को रिझाने के काम बड़ी शिद्दत से चल रहा है। इससे अमेरिका में हिंदुओं के बढ़ते राजनीतिक महत्व का संकेत मिलता भी नजर आ रहा है। साल 2016 में अमेरिका की आबादी में हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करीब एक प्रतिशत था। गौरतलब है, अमेरिका में बीते 4 सालों में हिंदुओं की आबादी में तेजी से बढोत्तरी हुई है।

अभी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ़ से दोबारा व्हाइट हाउस पहुँचने पर अमेरिका में हिंदुओं के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की राह में आने वाली अड़चनों को कम करने का वादा किया गया है। वहीं, दूसरी ओर उनके प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेट उम्मीदवार बाइडेन के प्रचार अभियान ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने हिंदू समुदाय से संपर्क साधने को प्राथमिकता दी है।

यहां के चुनाव में पहली बार डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान ने 14 अगस्त को “ट्रंप के लिए हिंदू आवाज” के गठन की घोषणा भी की थी। वहीं हिंदू समुदाय की प्रख्यात नेता नीलिमा गोनुगुंतला ने दो दिन बाद ही डेमोक्रेटिक राष्ट्रीय सम्मेलन को शुरू करने के लिए अंतर-धार्मिक प्रार्थना में भागीदारी की। इस बारे में बाइडेन की तरफ़ से कहा गया कि यह अमेरिका में हिंदुओं का राजनीतिक महत्व बढ़ने का एक और संकेत है।

डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान की तरफ़ से कहा गया कि, समावेशी अर्थव्यवस्था, अमेरिका-भारत संबंध का निर्माण और सभी की धार्मिक स्वतंत्रता के लिए पुरजोर समर्थन का कोई जोड़ नहीं है। राष्ट्रपति ट्रंप को फिर से निर्वाचित करने से अमेरिका में हिंदुओं के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की अड़चनें कम होंगी। ट्रंप हिंदू धर्म के लाखों अमेरिकी के योगदानों का सम्मान करते हैं।

वहीं मंगलवार को आधिकारिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी कि तरफ से राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार चुने गए जो बाइडेन का भी ध्यान हिन्दू वोटर्स की तरफ है। बाइडेन ने मंदिरों सहित उपासना स्थलों में किए गए नफरत से प्रेरित अपराधों के लिए जुर्माना कठोर करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने इस तरह के धर्म स्थलों के लिए सुरक्षा अनुदान बढ़ाने का भी वादा किया है। उन्होंने नफरत से प्रेरित अपराध को अपने न्याय विभाग के लिए प्राथमिकता बनाने की भी बात कही है।

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