भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला, बीसीसीआई के निर्देशों पर बनेगी दिव्यांगों की भारतीय क्रिकेट टीम

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के द्वारा विदेश में दिव्यांग लोगों के लिए एक अलग से क्रिकेट टीम बनाने का ऐलान कर दिया गया है। कहा जा रहा है बीसीसीआई के इस निर्णय के बाद दिव्यांग जनों को अपने सपने पूरे करने के लिए एक नया प्लेटफार्म मिलेगा।

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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को देश में और दुनिया में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। अब बोर्ड के द्वारा एक अच्छी पहल की गई है जिसके तहत दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया का सुझाव दिया गया। भारत में शारीरिक रूप से विकलांग क्रिकेट के लिए काम कर रहे विभिन्न संगठनों के अधिकारियों श्री हारून रशीद, महासचिव, दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया, श्री नितेंद्र सिंह ने बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली से मुलाकात की थी। आपको बता दें एक बैठक में दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया निदेशक क्रिकेट, डीसीसीबीआई, श्री रवि चौहान और श्री रवींद्र भाटी, से 24 दिसंबर 2020 की एजीएम के दौरान, बीसीसीआई के अध्यक्ष श्री सौरव गांगुली और सचिव श्री जय शाह ने एक सहायक संघ में एकजुट होने और वार्षिक कैलेंडर के साथ प्रस्ताव का प्रतिनिधित्व करने का सुझाव दिया गया है।

बीसीसीआई के सुझाव के बाद इस संबंध में 9 जनवरी 2021 को विभिन्न संघों के अधिकारियों के साथ टेलीफोन पर चर्चा के बाद दिल्ली में बैठक हुई हैं। इस बैठक में बधिर क्रिकेट, गूंगा क्रिकेट, नेत्रहीन क्रिकेट, व्हीलचेयर क्रिकेट, शारीरिक रूप से विकलांग क्रिकेट, शारीरिक रूप से विकलांग महिला क्रिकेट आदि के लिए काम कर रहे 9 अखिल भारतीय स्तर के संघों ने, दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया नामक एक संघ में पंजीकरण करने के लिए सहमत हो गए हैं। इस बठक में श्री कश्मीर सिंह सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने गए, श्री एडब्ल्यू सिद्दीकी महासचिव चुने गए, श्री अतुल जैन वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुने गए, श्री हारून रशीद कोषाध्यक्ष चुने गए आदि।

इस खास मौके पर भारतीय दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की सीईओ ग़ज़ल खान 9 संघों के सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया है और श्री सौरव गांगुली और श्री जय शाह के सुझाव की सराहना भी क़ी है। उन्होंने कहा, ‘दिव्यांगजन क्रिकेट भारत में बहुत लंबे समय से बहुत कठिन संघर्ष कर रहा है लेकिन उसे शिखर नहीं मिला है। अब इस क्रिकेट के बेहतर होने की उम्मीद है।  बीसीसीआई से संबद्ध होने के बाद, हम निश्चित रूप से भारत में शारीरिक रूप से विकलांग क्रिकेट की क्रांति देख सकते हैं।”

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