पहले कोरोना वायरस और उसके बाद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीनी सेना के साथ हुई झड़प के बाद पूरा देश इस समय चीनी कंपनियों और उत्पादों का पूर्ण तरीके से बहिष्कार करने की मांग कर रहा है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ BCCI ने चीनी कंपनी का बहिष्कार करने से इंकार कर दिया है। BCCI का कहना है कि वह VIVO के साथ करार खत्म नहीं किया जाएगा।
बता दें कि चीनी कंपनी VIVO आईपीएल को स्पॉन्सर करती है। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धुमल ने इस बात की जानकारी दी कि इस साल होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग में बोर्ड चीनी स्पॉन्सर को अलग नहीं करेगा। VIVO के साथ BCCI का कॉन्ट्रैक्ट 5 सालों तक है जो 2022 तक रहेगा।
और पढ़ें: भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में चीनी कम्पनियों की कितनी है हिस्सेदारी?
बता दें कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड और VIVO के बीच से करार 440 करोड़ में हुआ था। बोर्ड के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल का कहना है कि आईपीएल में चीनी कंपनी से आ रहे पैसे से भारत को ही फायदा होगा, चीन को नहीं। उन्होंने कहा ‘जब आप चीन के उत्पाद को भारत में बेचने की अनुमति देते हैं, जो भी पैसे वो भारतीय ग्राहकों से बनाते हैं वो उसका एक हिस्सा बीसीसीआई को भी देते हैं ब्रांड प्रोमोशन के लिए और बोर्ड इस पर 42 प्रतिशत भारत सरकार को टैक्स चुकाती है ताकि इससे भारत की मदद हो ना की चीन की।’