मुख्य कलाकार: आयुष्मान खुराना, यामी गौतम, भूमि पेडनेक, सौरभ शुक्ला, अभिषेक बनर्जी, जावेद जाफरी, सीमा पाहवा, धीरेन्द्र गौतम
निर्देशक: अमर कौशिक
समाज में महिलाओं की परेशानी सभी को नज़र आती है। महिलाओं की समस्याओं के ऊपर आज तक सैकड़ो फिल्में बॉलीवुड में बन चुकी हैं। लेकिन पुरुषों की समस्याओं के ऊपर बहुत कम फिल्में ही देखने को मिलती हैं। अक्सर समाज में इस विचारधारा के लोग मिल जाते हैं, जो ये सोचते हैं कि केवल महिलाओं को ही समाज की बातें सुननी पड़ती हैं और पुरुष तो हर वक्त आज़ाद घूमते हैं। यह फिल्म देखने के बाद आपको पुरुषों से जुड़ी कई समस्याओं का पता चलेगा।
आयुष्मान खुराना की पिछली 6 फिल्में लगातार सुपरहिट होती रही हैं। और इस क्रम में एक नाम और शामिल होने जा रहा है। इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस पर रिलीज़ हुई फिल्म ‘बाला’ दर्शकों को बहुत पसंद आ रही है। यह फिल्म युवाओं के गंजेपन पर आधारित है। खराब खानपान और बढ़ते प्रदुषण के कारण युवाओं में गंजेपन की समस्या बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से कई बार शादी में देरी, सही नौकरी ना मिलना और समाज के ताने सुनने जैसी कई परेशानियों का सामना पुरुषों को करना पड़ता है।
कहानी
फिल्म (Bala) की कहानी कानपुर शहर से शुरु होती है। बालमुकुंद उर्फ बाला (आयुष्मान खुराना) के बचपन में बहुत घने और लंबे बाल होते हैं। उसे अपने अच्छे बालों पर बहुत गुमान होता है और इसी कारण उसका नाम बाला पड़ जाता है। लेकिन 25 वर्ष की उम्र तक उसके सिर के अधिकतर बाल गिर चुके होते हैं और यहीं से कहानी की शुरुआत होती है। बाला को गंजा सिर बिल्कुल पसंद नहीं आता। गंजेपन के कारण कोई लड़की उसे भाव नहीं देती और नौकरी मिलने में भी उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बाल उगाने के लिए बाला (Bala) कई उपाय अपनाने लगता है, लेकिन कोई भी उपाय सफल नहीं होने पर वह निराश हो जाता है। पेशे से एक दबंग वकील लतिका (भूमि पेडनेकर) बाला की बचपन की दोस्त होती है। वह थोड़ी सांवली होती है, लेकिन उसे अपने सांवले रंग से कोई शिकायत नहीं होती। वह बाला को समझाती है कि तुम जैसे भी हो वैसे खुद को स्वीकार करोगे तो समाज तुम्हें कभी नकार नहीं पाएगी।
बाला को लतिका की बात पसंद नहीं आती। एक दिन वह अपने पिताजी (सौरभ शुक्ला) की विग पहनता है, जिससे उसका खोया आत्मविश्वास वापस लौट आता है। काम के सिलसिले में वह टिक-टॉक स्टार परी (यामी गौतम) से मिलता है और धीरे-धीरे दोनों में प्यार हो जाता है। जल्द ही दोनों की शादी हो जाती है लेकिन अभी तक परी, बाला (Bala) के गंजेपन से अनजान होती है। शादी के बाद परी क्या बाला को स्वीकार कर पाती है? क्या कभी बाला स्वयं को एक गंजे व्यक्ति के रुप में स्वीकार कर पाएगा? ये जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाकर फिल्म देखनी पड़ेगी।
एक्टिंग
फिल्म (Bala) में आयुष्मान खुराना ने जबरदस्त एक्टिंग की है। फिल्म की शुरुआत में आयुष्मान को गंजे व्यक्ति के रुप में देखकर थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन कुछ ही देर में आपको उसकी आदत पड़ जाएगी। फिल्म सांड की आँख में एक उम्र दराज महिला का किरदार निभाने के बाद एक सांवली महिला का किरदार भूमि पेडनेकर ने बखूबी निभाया है। हालांकि कई जगह उनका मेकअप और एक्टिंग थोड़ी अजीब दिखाई पड़ती है। यामी गौतम ने फिल्म में भी एक सुपरस्टार का रोल अदा किया है, जिसमें वह बेहद ही खूबसूरत नज़र आ रही है।
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन स्त्री मूवी के ही डायरेक्टर अमर कौशिक ने किया है। गंजेपन की समस्या को अमर कौशिक ने बड़े पर्दे पर बेहतरीन तरीके से पेश किया है। इसके अलावा फिल्म में सांवले रंग को लेकर भी प्रकाश डाला गया है। यह अमर कौशिक के करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक है। फिल्म का फर्स्ट हाफ आपको हंसा-हंसाकर लोटपोट कर देगा। वहीं सेकेंण्ड हाफ आपको कई सारी बातें सोचने पर मजबूर कर देगा।
क्या है फिल्म की खासियत
इस पूरी फिल्म में आपको इमोशन, कॉमेडी, ड्रामा और रोमांस सबकुछ देखने को मिलेगा। लेकिन इसकी खासियत इसका क्लाइमैक्स सीन है। फिल्म का अंत एक बहुत ही खुबसुरत संदेश के साथ होता है, जो आपको यह समझाने के लिए काफी है कि आप जैसे भी हो खुद को उसी रुप में स्वीकार करो। गंजेपन के ऊपर पिछले हफ्ते भी एक फिल्म ‘उजड़ा चमन’ बड़े पर्दे पर रिलीज़ हुई थी। अगर आप उस फिल्म से इसकी तुलना करने की कोशिश कर रहे हैं तो आप गलत हो सकते हैं। अगर आप सच में कुछ नया देखने के शौकीन हैं तो हम आपको यह फिल्म देखने की राय जरूर देंगे। हम इस फिल्म 4 स्टार रेटिंग देते हैं।
Image Source: Tweeted by @ayushmannk