मुख्य कलाकार: टाइगर श्रोफ, रितेश देशमुख, श्रद्धा कपूर, अंकिता लोखंडे, जमील खोरी
निर्देशक: अहमद खान
संगीतकार: तनिष्क बागची, बप्पी लहिरी, सचेत-परंपरा, जूलियस पैकिअम, विशाल-शेखर
एक फिल्म में सबसे अहम भूमिका होती है उसकी स्टोरी की। अगर आपकी फिल्म की स्टोरी ही मजबूत नहीं हो तो फिर आप चाहे उसमें जितना मर्जी रोमांस, मसाला, कॉमेडी या एक्शन क्यों ना डाल दें, वह दर्शकों को लुभाने में कामयाब नहीं हो पाती। कुछ ऐसी ही नज़र आती है टाइगर श्रोफ, श्रद्धा कपूर और रितेश देशमुख स्टारर फिल्म ‘बागी 3’। इस फिल्म में निर्देशक अहमद खान ने स्टोरी के अलावा हर पहलू पर गौर किया है। साजिद नाडियाडवाला द्वारा निर्मित यह फिल्म इस शुक्रवार को रिलीज़ हो गई है। आपको बता दें ये फिल्म भारत में 4400 स्क्रीन्स पर वहीं वर्ल्ड वाइड 5500 स्क्रीन्स पर रिलीज़ हुई है। इतनी ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज़ होने वाली यह टाइगर की पहली फिल्म है।
कहानी
फिल्म की कहानी रॉनी (टाइगर श्रोफ) और विक्रम (रितेश देशमुख) के भाई के बीच प्यार को दर्शाती है। अधिकतर भारतीय फिल्मों में बड़ा भाई छोटे भाई को बचाने के लिए आगे आता है। लेकिन इस फिल्म की स्टोरी बिल्कुल विपरीत है। विक्रम एक पुलिसवाला होता है और जब भी वह किसी मुसीबत में फंस जाता है तो अपने छोटे भाई रॉनी को आवाज लगाता है। रॉनी तुरंत वहाँ पहुंचकर सभी दुश्मनों को ढेर कर देता है। एक बार डिपार्टमेंट की ओर से विक्रम को सीरिया में किसी जरूरी काम से भेजा जाता है। सीरिया जाकर विक्रम को एक आतंकी संगठन अपने कब्जे में ले लेता है। यह बात जैसे ही रॉनी को पता चलती है, वह अपने भाई को बचाने के लिए सीरिया के लिए निकल जाता है। सीरिया जाकर उसका मुकाबला किसी एक व्यक्ति या संगठन से नहीं बल्कि पूरे देश से होता है। रॉनी की जीत तो तय है, लेकिन इस बीच उसे किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है इसका मजा तो फिल्म देखकर ही आएगा।
एक्टिंग
पूरी फिल्म में हीरो टाइगर श्रोफ और विलेन का किरदार निभा रहे जमील खोरी की एक्टिंग के अलावा अन्य किसी कलाकार की एक्टिंग में दम नज़र नहीं आता। टाइगर श्रोफ अपने शानदार एक्शन सीन्स से दर्शकों का मनोरंजन करते हैं, तो वहीं जमील खोरी अपने आतंकी लुक्स से दर्शकों के मन में खौफ पैदा कर देते हैं। श्रद्धा कपूर और अंकिता लोखंडे ने ठीकठाक एक्टिंग की है, शायद फिल्म में उनके करने के लिए कुछ था ही नहीं। श्रद्धा जैसी खूबसूरत लड़की के मुँह से गालियां भी ज्यादा अच्छी नहीं लग रही हैं। वहीं सबसे ज्यादा आश्चर्य आपको रितेश देशमुख को देखकर होगा। इतना बचकाना बर्ताव होने के बावजूद क्या सोचकर उन्हें पुलिस की वर्दी दे दी जाती है, ये तो केवल निर्देशक महोदय ही जानते होंगे।
निर्देशन
फिल्म देखकर हर कोई निर्देशक अहमद खान को यही सलाह देना चाहता है कि जितना ध्यान उन्होंने फिल्म के एक्शन की ओर दिया है, यदि उसका आधा भी स्टोरी की ओर दे देते तो शायद यह एक बेहतरीन फिल्म बन सकती थी। फर्स्ट हाफ में उन्होंने कई कॉमेडी सीन्स डालने की कोशिश की है, लेकिन वे भी दर्शकों को प्रभावित करने में नाकामयाब रहे हैं। इसके अलावा फिल्म की स्टोरी में बिल्कुल दम नहीं है। एक अकेला व्यक्ति आखिर किस तरह पूरे देश से लड़कर अपने भाई को बचा सकता है, केवल यही फिल्म में दिखाया गया है। कम से कम इस मिशन के लिए टाइगर को एक टीम तो देनी ही चाहिए थी। कुछ एक्शन सीन्स इतने ज्यादा फेक बनाए गए हैं, जिन्हें देखकर हंसी भी आ जाती है।
क्या है फिल्म की खासियत
फिल्म में केवल एक खासियत है और वह है टाइगर के एक्शन सीन्स। अगर आप धुआधार एक्शन फिल्मों का शौक रखते हैं तो यह फिल्म आपको कतई निराश नहीं करेगी। सीरिया का सेटअप बेहद ही शानदार है। इस फिल्म को बॉलीवुड इतिहास की बेस्ट एक्शन फिल्मों की सूची में बेहद आसानी से जगह मिल जाएगी। एक्शन और टाइगर श्रोफ की मसल्स- सिक्स पैक एब्स के अलावा फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जिसके दमपर यह फिल्म देखी जा सकती है। इस हफ्ते बागी 3 के अलावा अन्य कोई बड़ी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं हुई, जिससे यकीनन इस फिल्म को फायदा होगा और बॉक्स ऑफिस पर ठीकठाक कलेक्शन भी कर लेगी।