अमरीश पुरी के किरदार को शायद कोई भी नहीं भुला पाएगा। अमरीश पुरी ने अपनी मेहनत से फिल्म इंडस्ट्री में वो मुकाम हासिल किया जो बहुत सारे लोग नहीं हासिल कर पाते हैं। ना कोई पारिवारिक बैकग्राउंड और ना कोई साथी उसके बाद भी अमरीश पुरी का किरदार फिल्मों के लिए सबसे जरूरी बन गया। अमरीश पुरी ने अपने जीवन में एक से एक बेहतरीन फिल्मों में काम किया है और उनकी बहुत सारी फिल्में सुपर डुपर हिट रही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज उन्हीं अमरीश पुरी की अनुपस्थिति में उनके पोते को इंडस्ट्री में काम लेने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। दिवंगत अभिनेता अमरीश पुरी के पोते अभिनेता अपने संघर्षों के दिनों को याद करते हुए, उन्होंने कहा है कि “उनका संघर्ष किसी भी अन्य अभिनेता से अलग नहीं रहा है क्योंकि उनके दादा तब उनके पास नहीं थे, जब उन्होंने सिनेमा में कदम रखा था।”
दिवंगत अभिनेता अमरीश पुरी के पोते वर्धन पुरी ने आईएएनएस को बताया कि “इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाना बहुत मुश्किल है। लोग इस बात पर यकीन नहीं करेंगे लेकिन यह आसान नहीं था। मेरे दादा जी का निधन तब हो गया था जब मैं बहुत छोटा था और वह मेरे लिए कॉल करने या फिल्म निर्माताओं के कार्यालयों में ले जाने के लिए मौजूद नहीं थे।” उन्होंने कहा कि “हर कोई यह जानने के लिए बहुत उत्सुक है कि दादू क्या थे। मेरे पास सबसे अच्छी यादें हैं। जब हम एक साथ फिल्में देखा करते थे।”
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वर्धन पुरी ने आगे कहा कि “मैं लंबे समय से उस समय को वापस जीना चाहता हूं। चैप्लिन की फिल्में देखना याद आता है, उस वक्त हम साथ बैठकर नाश्ता करते और ब्रेक के दौरान परिवार से बातचीत करते थे।” वर्धन पुरी ने आगे कहा कि “बचपन में मेरा परिवार, दोस्त और मैं चाचा के खेत मड आइलैंड जाते थे और पूरे दिन खेलों में भाग लेते थे। मेरे-दादा दादी उसमे जज हुआ करते थे और पुरस्कार देते थे। यह सबसे अच्छा था।”
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