चीन के सभी रिजर्व बल आएंगे राष्ट्रपति जिनपिंग के हाथों में, क्या होने वाला है कुछ बड़ा?

चीन के सैन्य रिजर्व बलों को कम्युनिस्ट पार्टी तथा केंद्रीय सैन्य आयोग के हाथों में सौंप दिया जायेगा। इससे सेना पर पूर्णता नियंत्रण और नेतृत्व सत्ताधीश पार्टी का होगा।

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भारत-चीन सीमा विवाद के बाद सभी की नजरें लगातार सरहद पर लगी हुईं हैं। इसी मामले पर भारत ने कल 59 चीनी एप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया और आज यह भी खबर आ रही है कि भारत चीन से कुछ चीजों का आयात बंद भी कर सकता है। हालांकि सरकार ने इस पर अभी तक कोई भी औपचारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन इसी बीच चीन में भी कुछ अलग ही कार्य चल रहा है। चीन के सैन्य बलों को अब औपचारिक रूप से कम्युनिस्ट पार्टी तथा केंद्रीय सैन्य बल आयोग के हाथों में सौंप दिया जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा सत्ताधारी पार्टी को होगा, क्योंकि अब सारी सेनाओं का नेतृत्व सत्ताधारी पार्टी के हाथों में आ जाएगा।

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2013 में सत्ता में आने के बाद से जिनपिंग ने सभी पीएलए रैंक को सख्ती से सीपीसी के नेतृत्व में करने का आदेश दिया था। चीन पर नजर रखने वाले लोग जिनपिंग को माओत्से तुंग के बाद से सबसे शक्तिशाली चीनी नेता मानते हैं। खासकर जब से वह 2018 में राष्ट्रपति के दो-कार्यकाल की सीमा समाप्त करने के लिए संविधान में संशोधन करने में कामयाब रहे। जिनपिंग सीपीसी में महासचिव भी हैं। 2017 के अमेंडमेंट के अनुसार अब चीनी सेना का सारा नेतृत्व चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के हाथों में आ जाएगा।

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