अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास की तैयारियां चल रही हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का एक बयान आया था। जिसमें उन्होंने सलाह दी थी कि अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के शिलान्यास के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया जाये। इस पर जब पत्रकारों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके विचार जानने का प्रयास किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया कि कांग्रेस राम जन्मभूमि पर मंदिर का शिलान्यास नहीं चाहती। कांग्रेसी इस विवाद का पटाक्षेप नहीं चाहती थी। जब उच्चतम न्यायालय में मामला गया था तब कांग्रेस के एक नेता ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दी थी कि इस समय का समाधान 2019 से पहले ना होने पाए। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपने इतिहास में झांकना चाहिए उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का काम आजादी के फौरन बाद सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार के साथ शुरू हो सकता था। लेकिन जब लोगों के लिए देश से ज्यादा महत्वपूर्ण सत्ता हो जाती है तो वे लोग अपनी राजनीतिक इच्छाओं के लिए जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं। समाज को जाति और मजहब के आधार पर बाटते हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान तब आया जब कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर एक ट्वीट किया था और उन्होंने उसकी ट्वीट में लिखा था, “मैं मोदी जी से फिर अनुरोध करता हूं कि 5 अगस्त के अशुभ मुहूर्त को टाल दीजिए। सैकड़ों वर्ष के संघर्ष के बाद भगवान राम मंदिर का निर्माण का योग आया है। अपनी हठधर्मिता से इसमें विघ्न पड़ने से रोकिए।”
मैं मोदी जी से फिर अनुरोध करता हूँ ५ अगस्त के अशुभ मुहुर्त को टाल दीजिए। सैंकड़ों वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान राम मंदिर निर्माण का योग आया है अपनी हठधर्मीता से इसमें विघ्न पड़ने से रोकिए।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 3, 2020
भगवान राम करोड़ों हिंदुओं के आस्था के केंद्र हैं और हज़ारों वर्षों की हमारे धर्म की स्थापित मान्यताओं के साथ खिलवाड़ मत करिए।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 3, 2020