126 के बजाय 36 राफेल ख़रीदने के फ़ैसले पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना

दिग्विजय सिंह के अनुसार, एक राफ़ेल की क़ीमत कांग्रेस सरकार ने 746 करोड़ रुपए तय की थी लेकिन 'चौकीदार' महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मांग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं।

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नई दिल्ली | भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल फाइटर जेट्स की डील के तहत बुधवार को पहले पांच जेट हरियाणा में अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन पर लैंड करेंगे। अगले महीने इनको भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाना है। लेकिन अभी भी राफेल को लेकर विपक्षी कांग्रेस पार्टी केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधने से नहीं चूक रही। आज राफेल जेट के भारत पहुँचने पर एक बार फिर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्वजिय सिंह ने राफेल डील की डिटेल्स को लेकर सरकार के सामने सवाल उठाए हैं। उन्होंने राफेल विमान की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि अब तो सरकार को इस डील की कीमत बता देनी चाहिए।

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दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर एक साथ कई ट्वीट करते हुए लिखा, “आख़िर राफेल फाइटर प्लेन आ गया। 126 राफ़ेल ख़रीदने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में UPA ने 2012 में फैसला लिया था और 18 राफ़ेल को छोड़कर बाकी भारत सरकार की HAL में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफ़ेल की क़ीमत 746 करोड़ रुपए तय की गई थी। लेकिन मोदी सरकार आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदी जी ने बिना रक्षा और वित्त मंत्रालय व केबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक़ मार कर निजी कम्पनी को देने का समझौता कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर 126 राफ़ेल ख़रीदने के बजाय केवल 36 ख़रीदने का निर्णय ले लिया।”

उन्होंने आगे लिखा, “एक राफ़ेल की क़ीमत कांग्रेस सरकार ने 746 करोड़ रुपए तय की थी लेकिन ‘चौकीदार’ महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मांग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जाएगी!! ‘चौकीदार’ जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!!”

कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय ने आगे भी ट्वीट करते हुए मोदी सरकार से सवाल किया, “राष्ट्रीय सुऱक्षा का आकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 126 राफ़ेल ख़रीदने की सिफ़ारिश की थी जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी थी लेकिन अब मोदी जी ने 126 के बजाय 36 राफेल ख़रीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं। क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?” दिग्विजय सिंह ने ये भी कहा कि प्रश्नों का उत्तर मांगने पर मोदी जी की ट्रोल और मीडिया एंकर हमें राष्ट्रद्रोही बताते हैं। क्या प्रजातंत्रीय व्यवस्था में विपक्ष को प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं है?

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