कुछ समय पहले 17 जून को अफगानिस्तान के पकटिया प्रांत के गुरुद्वारे से निदान सिंह का तालिबानियों ने अपहरण कर लिया था। जिसके बाद उनकी पत्नी ने निदान सिंह को तालिबानियों की चुंगल से छुड़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। निदान सिंह के साथ 11 अन्य लोगों को भी रिहा किया गया है, जिसमें एक 16 साल की नाबालिग युवती सुनमित कौर भी है। उसका अपहरण करके जबरन मुस्लिम बनाकर निकाह करवाया जा रहा था। ये सभी लंबी अवधि के वीजा के तहत भारत आए हैं। भारत सरकार द्वारा बनाये गए नये नागरिकता संशोधन कानून के तहत इन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। दिल्ली पहुंचने के पश्चात अफगान सिख निदान सिंह ने मार्मिक तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को मां बोलूं, बाप बोलूं, क्या बोलूं, हिंदुस्तान तो हिंदुस्तान है। हिंदुस्तान में कोई कमी नहीं है। आतंकी मुझे कहते थे, “मुसलमान बनो, मैं कहता था “वाहेगुरू जी दा खालसा वाहेगुरू जी दी फतेह, मैं अपना धर्म क्यों बदलूं!”
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Nidan Singh (Afghan Sikh who was kidnapped a month ago and released recently), along with a delegation of Afghan Sikhs, arrives in Delhi. pic.twitter.com/OGAZYo9BoE
— ANI (@ANI) July 26, 2020
अफगान में सिख समुदाय के साथ हो रहे इस तरह के बर्ताव को देखते हुए सिख समुदायों के नेताओं ने भारत सरकार से अपील की थी कि वे अफगानिस्तान के सिखों और हिंदुओं को देश में शरण दें। उन्हें लॉन्ग टर्म मल्टिपल एंट्री वीजा दिया जाए। कभी अफगानिस्तान में 2 लाख 50 हजार सिख और हिंदू रहते थे। हिंसा और उत्पीड़न से उनकी संख्या में कमी हुई है। अब हिंदू और सिखों के 100 परिवार ही बचे हैं। आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की थी कि अफगानिस्तान में परेशानियां झेल रहे अफगान हिंदू और सिख समुदाय के सदस्यों की भारत में वापसी की सहूलियत दी जाएगी। यह फैसला काबुल के गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले के बाद आया था। इसमें 25 लोगों की मौत हो गई थी। भारत ने अफगानिस्तान में आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के उत्पीड़न और हत्या की निंदा की और इसे गंभीर चिंता का विषय भी बताया है।
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