भारतीय अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि ईरान के चाबहार रेलवे प्रोजेक्ट से भारत को बाहर कर दिया गया है। जिसके पश्चात ईरान ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इन दावों को खारिज़ किया है। ईरान और भारत के बीच चार साल पहले चाबहार पोर्ट से अफगानिस्तान सीमा पर जाहेदान तक रेल लाइन बिछाने को लेकर समझौता हुआ था। एक ईरानी न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, मोंतासिर ने कहा, ”ईरान ने भारत के साथ चाबहार में निवेश के लिए बस दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। पहला बंंदरगाह के मशीनरी और उपकरणों को लेकर है और दूसरा भारत का यहां 150 मिलियन डॉलर का निवेश है।”
ईरान के पोर्ट एंड मारिटाइम आर्गेनाइजेशन के फरहद मोंताजिर ( Farhad Montaser) ने बताया, ”यह दावा पूरी तरह गलत है। चाबहार में निवेश के लिए ईरान ने भारत के साथ केवल दो समझौतों पर हस्ताक्षर किया है। कुल मिलाकर उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि चाबहार में ईरान-भारत के सहयोग पर किसी तरह के प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं। मोंताजिर ने अलजजीरा से बताया कि अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों का चाबहार में ईरान-भारत के बीच संबंधों और सहयोग से कोई संबंध नहीं।
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ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने पोर्ट प्रोजेक्ट को ईरान के आर्थिक भविष्य के निर्माण के लिए बहुत अहम बताया था। भारत की पब्लिक सेक्टर की रेलवे कंपनी Ircon International ने इस प्रोजेक्ट के लिए हर सर्विस और फंडिंग देने की बात कही है। जानकारी के मुताबिक, यह कंपनी प्रोजेक्ट में लगभग 1.6 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी।