सूडान की सरकार ने हाल ही में अपने देश के कानूनों में बदलाव लाने का फैसला किया है। सूडान में कट्टर इस्लामिक शासन अब खत्म हो चुका है। अप्रैल माह में महिलाओं के खतने को अपराध करार देने के बाद अब इसे कानून बना लिया गया है। इतना ही नहीं सरकार इसके साथ दूसरे नए कानून भी लाई है। अब गैर-मुस्लिमों को देश के अंदर निजी तौर पर शराब पीने की अनुमति भी मिलेगी। आपको बता दें कि सूडान की गिनती उन देशों में की जाती है, जहां महिलाओं के खतने को धर्म का एक हिस्सा माना जाता है।
सूडान के कानून मंत्री नसरेदीन अब्दुलबारी ने कहा कि सूडान की सरकार ऐसे कानूनों को खत्म करने पर जुट गई है। अब्दुलबारी ने यह भी कहा कि हम ऐसे किसी भी कानून को नहीं रहने देंगे जो मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हों। इसीलिए महिलाओं का खतना अब बैन कर दिया गया है। साथ ही, गैर मुस्लिमों को अब निजी तौर पर शराब के सेवन की इजाजत होगी। आपको बता दें कि, सूडान के पूर्व राष्ट्रपति जाफर निमीरी ने 1983 में इस्लामिक कानून लागू करने के बाद देश में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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30 साल सत्ता में रहने वाले उमर अल-बशीर को पिछले साल सरकार से बेदखल कर दिया गया था। इस नए कानून के बनने से न सिर्फ महिलाओं के लिए अच्छा है बल्कि सूडान की लगभग 3 प्रतिशत गैर-मुस्लिम आबादी के लिए भी यह सुखद खबर है। इसके बाद नई सरकार ने कहा कि हम एक ऐसे सूडान का निर्माण करना चाहते हैं, जिसमें कोई भेदभाव न हो। मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले कानूनों को खत्म कर देंगे। विद्रोहियों के साथ शांति स्थापित की जाएगी। गौरतलब है कि बशीर कट्टर इस्लामिक कानूनों के पक्षधर थे। इन नए कानूनों में गैर-मुस्लिमों को शराब पीने का अधिकार, इस्लाम त्यागने का अधिकार, महिलाओं को बिना पुरुष रिश्तेदारों के सफर करने का अधिकार भी अब मिल गए हैं।