राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहता है और बात जब सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की हो तो राजनीतिक गलियारों में होने वाली बहस का सुर्ख़ियों में रहना आम बात है। भारत की 2 सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टियां भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं।
कांग्रेस ने 70 सालों तक देश पर हुकूमत की। वहीं भाजपा पिछले 6 सालों से सत्ता में है। ऐसे में विपक्ष में बैठी कांग्रेस के खिलाफ वे सभी गड़े मुर्दे उखड़ने शुरू हो गए हैं जिनकी फाइल सालों से ठंडे बस्ते में पड़ी थी।
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने सुकन्या देवी (sukanya devi) रेप केस का मुद्दा उठाकर राजनीति के बाजार को फिर गर्म कर दिया है। इस मुद्दे पर चर्चा होनी इसलिए भी लाजमी है क्योंकि इस रेप केस का आरोप कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी पर लगा था। ये मामला कई साल पुराना है।
लेकिन भारत को रेप कैपिटल कहने वाले राहुल गांधी आज तक इस मुद्दे पर बोलने से बचते नजर आये हैं। मामला थोड़ा पेचीदा भी है, या यूं कहें कि कांग्रेस राज़ में इस रेप को फिल्मी एंगल देते हुए राहुल गांधी को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था।
कौन थी सुकन्या देवी?
ये कहानी शुरू होती है अमेठी से। ये वही अमेठी है जहां कई सालों तक राहुल गांधी सांसद भी रहे थे। अमेठी के ही रहने वाले बलराम सिंह, जिनका पूरा जीवन कांग्रेस की सेवा में गुजर गया। उन्ही की बेटी थी सुकन्या देवी (sukanya devi)। बलराम सिंह इंदिरा गांधी के समय में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता थे।
उनका परिवार कांग्रेस विचारधारा पर ही चलता था। सुकन्या भी युवावस्था में आते-आते कांग्रेसी विचारधारा अपना चुकी थी। उधर राहुल गांधी भी अमेठी तक पहुंच चुके थे। 24 साल की सुकन्या तब तक राहुल गांधी को अपना आदर्श मान चुकी थी।
3 दिसंबर 2006 की वो रात
3 दिसंबर 2006, ये वो समय था जब राहुल गांधी पर सुकन्या के साथ जबरदस्ती करने का आरोप लगा। राहुल गांधी पर लगे आरोप में कहा गया कि 3 दिसंबर को राहुल गांधी अपने कुछ दोस्तों के साथ अमेठी के गेस्ट हाउस में पार्टी करने आए थे। उसी रात सुकन्या (sukanya devi) भी राहुल गांधी से मिलने गेस्ट हाउस पहुंची थी। राहुल गांधी के साथ उस समय 2 ब्रिटिश दोस्त और 2 इटली से आये दोस्त मौजूद थे।
रात 9 बजे जैसे ही सुकन्या राहुल गांधी के गेस्ट हाउस पहुंची, सभी ने सुकन्या को जबरदस्ती शराब पिलाने की कोशिश की। हालांकि सुकन्या ने पीने से साफ इंकार कर दिया। मामले को बिगड़ता देख राहुल गांधी और उनके दोस्तों ने सुकन्या को चुप रहने के लिए 50 हजार का लालच भी दिया और सुकन्या के परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी।
सुकन्या की मां ने दिखाई हिम्मत
इस पूरे वाकये की जानकारी सुकन्या ने अपनी माँ सुमित्रा को दी। ये खबर भी तब पब्लिक में आई जब सुकन्या और उनकी मां सुमित्रा पुलिस कम्पलेंट के लिए पुलिस हेडक्वार्टर पहुंची। लेकिन हैरान करने वाली बात ये रही कि पुलिस ने राहुल गांधी के खिलाफ कोई भी शिकायत दर्ज करने से साफ इंकार कर दिया और सुकन्या के परिवार को चुप रहने की सलाह दी।
राहुल गांधी के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस
पुलिस हेडक़्वार्टर से हताश लौटी सुकन्या और उनकी माँ सुमित्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। लेकिन वहां भी मीडिया ने इस मुद्दे को कवर करना जरुरी नहीं समझा। यहां तक की उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल 2-3 मीडिया कर्मी ही पहुंचे। लगभग हर मीडिया हाउस ने इस मामले को कवर करने से मना कर दिया।
सोनिया गांधी से मिलने पहुंची सुकन्या की मां
27 दिसंबर 2006 को सुकन्या की मां ने सोनिया गांधी से मिलने का फैसला किया लेकिन तब तक ये खबर सोनिया गांधी के कानों तक भी पहुँच चुकी थी। सोनिया गांधी ने सुकन्या की मां से मिलने से साफ मना कर दिया। जिसके बाद सुकन्या और उनकी मां ह्यूमन राइट्स के दफ्तर गईं। लेकिन अफ़सोस की वहां से भी उनके हाथ केवल लिखित कार्यवाही ही लगी। यहां से उन्होंने कई दिनों तक राष्ट्रपति से मिलने का प्रयास भी किया लेकिन सुकन्या और उनकी मां को किसी ने भी समय नहीं दिया।
अचानक गायब हो गया सुकन्या का परिवार
देखते ही देखते सुकन्या का परिवार अचानक गायब हो गया। 2011 में समाजवादी पार्टी के विधायक, किशोर समरीते ने इस मुद्दे को फिर उठाया और इलाहबाद हाई कोर्ट में राहुल गांधी और सुकन्या के परिवार के गायब होने के खिलाफ केस दर्ज किया। लेकिन कोई ठोस सबूत न मिलने पर हाई कोर्ट ने विधायक किशोर समरीते पर ही 50 लाख का जुर्माना ठोक दिया।
और बदल गया पूरे मामले का एंगल
हाई कोर्ट में किशोर समरीते के केस के खिलाफ याचिका दायर की गयी। जिसके बाद इस पूरे मामले का एंगल ही चेंज हो गया। गजेंद्र पाल नाम के एक व्यक्ति ने बलराम सिंह के पड़ोसी होने का दावा किया और कोर्ट को बताया कि बलराम सिंह की पत्नी का नाम सुमित्रा नहीं बल्कि सुशीला देवी है और दोनों की बेटी सुकन्या देवी (sukanya devi) नहीं बल्कि कीर्ति है।
जांच में यह भी पाया गया कि बलराम सिंह ने अपना घर बेच दिया था और दूसरी जगह चले गए थे, और उनकी पत्नी और बेटी के नामों का ब्लॉगों में गलत उल्लेख किया गया था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि कीर्ति देवी एक अलग महिला थी, और उसे पटरी से उतारने के लिए केस में लगाया गया था। इलाहबाद हाई कोर्ट के बाद किशोर समरीते ने 2012 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया लेकिन वहाँ भी पुख्ता सबूत न होने के कारण किशोर समरीते पर 5 लाख का जुर्माना लगा दिया गया।
संबित पात्रा ने कांग्रेस को याद दिलाया सुकन्या केस
हाल ही में एक न्यूज डिबेट में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस को सुकन्या (sukanya devi) रेप केस की याद दिलाकर इस मुद्दे को गर्मा दिया है। संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया है कि वह सुकन्या मामले पर कभी कुछ क्यों नहीं बोलते? आज तक इस बात का खुलासा क्यों नहीं हुआ कि सुकन्या का परिवार अचानक कहाँ गायब हो गया? ऐसे कई सवाल आज भी उठ रहे हैं जो राहुल गांधी को कई तरह के सवालों के घेरे में खड़े करते हैं। लेकिन इनका जवाब आज भी राहुल गांधी से कोसों दूर है।