कुवैत से अप्रवासियों के लिए बुरी ख़बर आ चुकी है। कुवैत की नेशनल असेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने अप्रवासी कोटा बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इस बिल के अनुसार 8 लाख भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है। कुवैत में भारतीयों की आबादी 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। ये इस बिल की प्रस्तावना कहती है। बिल को संबंधित समिति में स्थानांतरित करने की बात कही गई है ताकि इसके लिए एक व्यापक योजना बनाई जाए। कुवैत में रहने वाला सबसे बड़ा प्रवासी समाज है भारतीयों का।
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गौरतलब है कि कुवैत में रहने वाले भारतीयों की संख्या 15% है। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने कुवैत के प्रधानमंत्री, शेख सबा अल खालिद अल सबाह ने अप्रवासियों की आबादी 70 से घटाकर 30 प्रतिशत तक करने का प्रस्ताव रखा। देश के सांसदों ने कहा है कि साल के अंत तक सभी सरकारी नौकरियों में अप्रवासियों की नौकरी को ख़त्म किया जायेगा। जून में कुवैत पेट्रोलियम में प्रवासियों की नौकरी को वर्जित किया गया।
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