कोरोना वायरस के बाद चीन विश्व के निशाने पर है। अमेरिका शुरू से ही कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी के लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहराता आया है। इसी बीच भारत के साथ सीमा विवाद पर चल रही बहस को लेकर दुनियाभर में चीन की निंदा हो रही है। हाल ही में भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप को बैन कर चीन को सबसे बड़ा झटका दिया था। भारत के बाद अब अमेरिका ने भी चीन के खिलाफ एक कड़ा रूख अपनाया है। अमेरिकी सरकार ने चीन की दो कंपनियों को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा बताया है, जिसमें Huawei टेक्नोलॉजी और ZTE कॉर्प शामिल हैं। अब अमेरिका में इन दोनों कंपनियों पर कारोबार करने पर बैन लग गया है।
अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन ने मंगलवार को 5-0 की वोटिंग के आधार पर इन कंपनियों को खतरनाक बताया। अमेरिकी सरकार ने इन कंपनियों से करार भी किया हुआ था, इसमें 8.3 बिलियन डॉलर का सामान खरीदना था, लेकिन अब इसपर भी रोक लग गई है। बता दें कि भारत में भी Huawei पर संकट बरकरार है, बीते दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई। जिसमें 5जी नेटवर्क आवंटन में Huawei दावेदार है, लेकिन अब इसपर रोक लग सकती है। अमेरिका के FCC चेयरमैन अजित पाई ने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा था कि ‘हम चीनी कंपनी को हमारे नेटवर्क शेयर करने नही दे सकते हैं, इससे हमारे कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंच सकता है।” हालांकि, अभी तक इस फैसले पर दोनों कंपनियों का कोई बयान सामने नहीं आया है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल मई में एक आदेश पारित किया था। जिसके अनुसार, जो भी कंपनी देश की सुरक्षा के लिए खतरा है उनके साथ किसी तरह की टेलिकम्युनिकेशन का कारोबार नहीं किया जाएगा। अमेरिकी प्रशासन का पहले से ही Huawei के साथ विवाद चल रहा है और इसे ब्लैक लिस्ट में डाला गया है। अमेरिका की ओर से अन्य देशों से भी यह कहा जा रहा है कि वे Huawei के साथ काम न करें, क्योंकि ये सुरक्षा के लिए खतरा है। बता दें कि इससे पहले भारत ने भी सोमवार को 59 चीनी कंपनियों पर बैन लगा दिया है, इनको सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है। इनमें शेयर इट, जेंडर, टिक टॉक और यूसी जैसे ऐप शामिल हैं।