पिछले दिनों चीन की गलवान घाटी में जो भी हुआ वह किसी से भी छिपा नहीं है। वैसे तो यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है लेकिन भारतीय राजनीति में अधिकतर मुद्दों को भारत की अस्मिता से ऊपर रखा जाता है। इस बार भी पहले की भांति वही सब कुछ हुआ। भारत में अपने 20 सैनिकों की शहादत देखी और भारतीय राजनीति में तत्कालीन विपक्ष कांग्रेस पार्टी ने भारत सरकार पर हमला बोलना शुरु कर दिया। इस बार राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को सरेंडर मोदी नाम से संबोधित किया। जिस पर आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बड़ा बयान देते हुए कहा, “हमें राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजनीति नहीं करनी चाहिए और 1962 के दौरान जो कुछ हुआ, उसे भुलाया नहीं जा सकता। चीन में हमारे 42000 हजार वर्ग किलोमीटर हिस्से पर अपना अधिकार कर लिया। वर्तमान में मैं यह नहीं जानता कि उन्होंने किस की भूमि पर कब्जा किया है लेकिन हमें अपने अतीत को याद रखना चाहिए।”
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We can’t forget what happened in 1962 when China occupied 45,000 sq km of our territory. At present,I don't know if they occupied any land,but while discussing this we need to remember past. National security matters shouldn't be politicised: Sharad Pawar on Rahul Gandhi's remark pic.twitter.com/bzZmRZtwVU
— ANI (@ANI) June 27, 2020
एनसीपी प्रमुख शरद पवार का यह बयान तब आया जब कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चीन के सामने सरेंडर करने वाला व्यक्ति बताया। पिछले कुछ दिनों में भारत की सीमा पर हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। हमारे पड़ोसी देश नेपाल, चीन और पाकिस्तान तीनों ही देश हमारी सीमाओं पर अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं। यह तीनों देश किसी ऐसे मौके की तलाश में है जिससे यह अपनी सीमाओं का विस्तार कर सकें और भारत के लिए नई मुसीबतें खड़ी कर सकें। इसी का नतीजा है कि पिछले 15 और 16 जून की रात को भारतीय सैनिकों ने अपने राष्ट्र के स्वाभिमान और अपने राष्ट्र की सीमाओं की सुरक्षा हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया लेकिन अपने देश की सीमाओं पर कोई भी आंच नहीं आने दी।