अमेरिका द्वारा चीन पर कोरोना वायरस महामारी फैलाने के आरोप लगाने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। दिन प्रतिदिन अमेरिका और चीन के मध्य जुबानी जंग और तेज होती जा रही है। इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने एक बार फिर चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अमेरिका अब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का खतरा पहचान गया है और उसे आगे बढ़ने नहीं देगा। अपने भाषण में रॉबर्ट ओब्रायन ने कहा कि अमेरिका लगातार चीन को सम्मान देता था, लेकिन चीन की हरकतें ऐसी नहीं हैं। ऐसे में अब अमेरिका के अच्छे व्यवहार के दिन अब बीत चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में चीन को जवाब दिया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका में सवा लाख के करीब मौत हो गई हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हो या फिर उनकी कैबिनेट का कोई भी सदस्य, इसके लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहरा रहा है। इस दौरान रॉबर्ट ओब्रायन ने यह भी कहा कि अमेरिका की पिछली सरकारों ने चीन में काफी निवेश किया, उसके इंजीनियर को ट्रेनिंग भी दी, जो गलती थी। हमें ऐसी उम्मीद थी कि अगर चीन आगे बढ़ेगा तो वह अपने लोगों को कुछ अधिकार देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि वह चीनी लोगों के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि वह कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं। अमेरिकी NSA ने चीन पर आरोप लगाते हुए यह कहा कि साइबर तौर पर भी चीन अमेरिका के खिलाफ साजिश रच रहा है और इस तरह से वह लाखों अमेरिकीयों का डाटा इकट्ठा कर रहा है। अब ट्रंप प्रशासन ऐसी चीनी कंपनियों के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी में है।
बता दे कि अमेरिका में इस साल चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में ट्रंप के सामने कोरोना वायरस एक बड़ा मसला बन रहा है, यही कारण है कि चीन इस वक्त मुद्दा बना हुआ है। बता दें कि,इससे पहले भी अमेरिका ने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी को “दुष्ट यानी धूर्त” करार दिया था। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी नाटो जैसी संस्थाओं के जरिये बनाई गई स्वतंत्र दुनिया को फिर से पुराने रास्ते पर लाना चाहती है। साथ ही वह ऐसे नए नियम बना रहा है जो चीन की मदद करे।