चीन, नेपाल और पाकिस्तान तीनों भारत के खिलाफ! क्या भारत दे पाएगा करारा जबाब?

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भारत और चीन (China) का खूनी संघर्ष किसी से भी छिपा नहीं है। भारत ने गलवान घाटी में अपने 20 वीर खो दिए। हमें यह लग रहा है यह सब अचानक हो रहा है लेकिन ऐसा है नहीं। इसके पीछे चीन की बहुत गहरी साजिश भी हो सकती है। क्योंकि पहले विश्व को कोरोना संक्रमण उसके बाद भारत की सीमाओं की ओर उठती हुई चीन की टेड़ी निगाहें कहीं तो इशारा करती हैं। ऐसा भी हो सकता है चीन अपनी अर्थव्यवस्था के दम पर भारत की सीमाओं को अपने अंदर सम्मलित करना चाह रहा हो? नेपाल (Nepal) और पाकिस्तान (Pakistan) के साथ मिलकर चीन कहीं भारत की अखंडता और एकता के खिलाफ जंग की तैयारी में तो नहीं है? ये सारे सवाल बहुत अहम हैं। क्योंकि हम सदैव शांति की बात करते हैं लेकिन हमसे हर बार धोखा होता है !

उसके पास कीचड़ था अपने पास ग़ुलाल, जिसके पास जो था उसने दिया उछाल

अमेरिका के विदेश मंत्री ने एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा, “चीन दुनिया को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है! उन्होंने कहा चीन हमले में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की शहादत पर हमें गर्व है। हम भारत के साथ खड़े हैं। हम शहीदों के परिवार को सदा याद रखेंगे। इस दुख की घड़ी में उनके परिवारों के साथ हैं।”

पूर्वी एशियाई और सहायक विदेश मंत्री डिबेट स्टिलवेल ने कहा, “कई मोर्चों पर चीन ऐसा कर सकता है। बीजिंग का मानना है कि अभी पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इस समय सभी देश अपने नागरिकों की जान बचाने में लगे हैं और चीन ने फायदा उठाने के लिए यही अवसर चुना होगा। हम खुद चीन और भारत के विवाद पर नजर बनाए हुए हैं।”

इन दोनों बयानों के अनुसार यह तो तय हो गया कि ये सब कुछ अचानक नहीं हो रहा है। ये सब तैयारी के साथ किया जा रहा है। यह एक खेल है जिसमे राजा कोई है और प्यादे कोई और। लेकिन वह ये नहीं जानते एक भारतीय सैनिक दुनिया से हमेशा कहता रहा है, “हे ईश्वर मेरे शत्रु पर दया करना क्योंकि हम तो ऐसा नहीं करने वाले!”

नेपाल पर चीन का प्रभाव

नेपाल लगभग डेढ़ दशक पहले विश्व का अकेला हिन्दू राष्ट्र घोषित हुआ था परन्तु वहाँ के राजा वीरेंद्र सिंह की हत्या के बाद नेपाल से भारत के रिश्ते बिगड़ते रहें हैं। भारत का मित्र होने की बजाय वह भारत को शत्रु के समान समझ रहा है। 2017 में चीन के “वन रोड वन बेल्ट” प्रोग्राम में नेपाल को शामिल किया गया था। पर्यटन के क्षेत्र में भी नेपाल की मदद करने में चीन की अहम भूमिका रही है। चीन ने नेपाल को व्यापार के लिए अपने चार बंदरगाह व तीन लैंडपोर्ट का उपयोग करने की अनुमति दे दी। बंदरगाह विहीन देश नेपाल की भारत पर निर्भरता को कम करने के लिए तीसरे देश के तौर पर उभरने को चीन की यह चाल मानी जा रही है। नेपाल के विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि हिमालयी राष्ट्र अब चीन के शेनजेन, लिआनयुनगांग, झांजिआंग और तियांजिन बंदरगाहों का इस्तेमाल कर सकेगा।

पाकिस्तान पर चीन का प्रभाव

चीन, पाकिस्तान की भूमि और उसके उत्पादों का प्रयोग करने के बदले में उसे सुरक्षा प्रदान करता है। ‘चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कोरिडोर’ चीन और पाकिस्तान के बीच एक अहम प्रोजेक्ट है, जिसमें चीन पाकिस्तान को 3.45 करोड़ रूपये देगा। इससे जाहिर है पाकिस्तान तो चीन के इशारों पर ही कार्य करेगा। पाकिस्तान पहले से ही चीन के कर्ज में डूबा हुआ है।

तीनों देशो की रणनीति क्या है?

उपरोक्त बातो को समझने के बाद आप ये तो जान गए होंगे की चीन छोटे-छोटे देशों को आर्थिक रूप से मजबूत करके उनकी धरती और उनकी सेना का किसी भी रूप में प्रयोग कर सकता है, क्योंकि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है। उधर धारा-370 के हटने से उसके लोग जो भारत को अंदर ही अंदर खा रहे थे। उनका भरण-पोषण बंद हो चुका है, इससे पाक बौखला गया है। उधर कोरोना संक्रमण से उसकी अर्थव्यवस्था समाप्त होने की कगार पर है, और नेपाल भी चीन के कर्ज के तले अपने मित्र की ओर टेड़ी निगाहें कर रहा है। लेकिन अब सम्पूर्ण विश्व से भारत को यह कहने का समय आ गया है, “भारत से युद्ध की संभावना में जी रहे सभी देश सुन लें, विकल्प मौजूद हैं, युद्ध भी है बुद्ध भी है जिसे चाहे उसे चुन लें।”

पकिस्तान के मुँह पर भारत ने मारा सर्जिकल स्ट्राइक का तमाचा

क्योंकि पिछले कुछ सालों में भारत की राजनीतिक व्यवस्था बदलने के कारण भारत की छवि में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। इस बार सर्जिकल स्ट्राइक कर हमने दुनिया को बताया कि किस तरह भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी देश से किसी भी हद तक लड़ने के लिए तैयार भी है। 29 सितंबर 2016 में भारतीय सेना ने पाक में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। इसके बाद भारतीय सेना ने 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक की।

बिजली-सी रफ़्तार से सैनिकों ने आगे बढ़ते हुए लांचिंग पैड पर हमले किए। एक साथ 6 लक्ष्यों पर सटीक कमांडो एक्शन ही वजह थी कि आतंकी और पाक सैनिक कोई भी एक-दूसरे की मदद को न आ पाए। इसके बाद लांचिंग पैड्स पर मौजूद आतंकियों पर एकसाथ हमला कर 45 से अधिक आतंकियों और उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे 2 पाक सैनिकों को ढेर कर दिया। इन छहों स्थानों को राख के ढेर में बदलकर उरी का बदला ले लिया गया। इस पूरी करवाई में केवल एक भारतीय सैनिक घायल हुआ बाकि सभी सकुशल लौट कर आये। भारतीय सेना अपना अद्भुत पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक कर पुलवामा हमले का बदला लिया।

इन सभी बातों से ये तो तय हो चुका है कि हमारे पडोसी देश कुछ न कुछ षड्यंत्र तो कर रहें हैं। जिससे हम और हमारा मीडिया आजतक अनभिज्ञ है लेकिन शायद इस वक्त विश्व इस बात से अनभिज्ञ नहीं है कि भारत अब घर में घुसता भी है और घुस कर मारता भी है। इसलिए ये वक्त है कि दुनिया को बताया जाये कि भारत अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए हाथ तोड़ भी सकता है और हाथ जोड़ भी सकता है।

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