आज भारत में युवा वर्ग कई क्षेत्रों में अपनी किस्मत आज़मा रहा है, जहां उसे अपनी काबीलियत और हुनर दिखाने का मौका मिल सके, और इन्हीं में से एक है फाइन आर्ट्स (Fine Arts) का क्षेत्र। यह फील्ड उन लोगों के लिए बनी है, जिनके अंदर कला की समझ हो और कला से एक अलग प्रकार का लगाव हो। यहां कला से तात्पर्य केवल चित्रकारी तक ही सीमित नहीं है बल्कि डिज़ाइनिंग, एडिटिंग और एनिमेशन जैसी तमाम चीज़ें आज इसके अंदर समा गई हैं।
कला एक ऐसी चीज़ है जिसे आप किसी कोर्स के माध्यम से नहीं सीख सकते। हर व्यक्ति के भीतर अपनी एक अलग कला होती है। हां, कोर्स के माध्यम से कला को निखारा जरुर जा सकता है और एक बड़े लेवल पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका भी मिल सकता है। यदि आप अभी तक अपने करियर को लेकर आश्वस्त नहीं है और कला में रुचि रखते हैं तो फाइन आर्ट्स रेस्टोरेशन एंड कंजर्वेशन का कोर्स आपके लिए बेस्ट रहेगा।
क्या होता है फाइन आर्ट्स का कोर्स
फाइन आर्ट्स (Fine Arts) का कोर्स कला और विज्ञान का अनूठा मिश्रण है जिसके द्वारा आपको अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है। इस कोर्स में आपको सभी प्रकार के एडिटिंग और डिजाइनिंग सॉफ्टवेयरों से अवगत कराया जाता है। एक समय फाइन आर्ट्स को केवल ड्राइंग और पेंटिंग से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन आज इन सबके अलावा इस कोर्स के तहत आपको प्राचीन धरोहरों की देखरेख करना और उसे रिपेयर आदि करना भी सिखाया जाता है, जिसकी जरुरत नेशनल म्युज़ियम और पुरातत्व विभाग जैसे क्षेत्रों में पड़ती है।
प्राचीन धरोहरों की देखरेख की जिम्मेदारी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। कौन-से सामान को किस तापमान में रखना है, खुले या बंद कैसे वातावरण में रखना है, पुस्तकें और जरुरी दस्तावेज़ो को किस तरह संजोकर रखना है, ये सभी बातें भी आज फाइन आर्ट्स के कोर्स में सिखाई जाने लगी हैं। यदि आपको भी हर पल कुछ नया सिखना अच्छा लगता है और इतिहास जैसे विषयों में दिलचस्पी है तो इस क्षेत्र में यकीनन आप एक अच्छा करियर बना सकते हैं।
कोर्स के लिए जरुरी योग्यता
फाइन आर्ट्स (Fine Arts) का कोर्स करने के लिए आपको कम से कम बाहरवीं पास करना जरुरी है। किसी भी स्ट्रीम से संबंध रखने वाले छात्र इस कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा भी कुछ और निजी योग्यतााओं का आपके अंदर होना अनिवार्य है। यह कोर्स करने के लिए आपके अंदर इतिहास और कला की समझ होना भी आवश्यक है।
कोर्स की अवधी और फीस
फाइन आर्ट्स (Fine Arts) कोर्स के डिप्लोमा कोर्स की अवधी 6 महीने से 2 साल तक की होती है। वहीं इसके बैचलर कोर्स की बात करें तो वह तीन साल का होता है, जिसे आमतौर पर बी.एफ.ए (बैचलर्स इन फाइन आर्ट्स) के नाम से जाना जाता है। अगर आप इस क्षेत्र में एक बेहतरीन करियर बनाना चाहते हैं, तो हमारी राय यही रहेगी कि आप तीन साल के बैचलर कोर्स के साथ शुरुआत करें। कोर्स पूरा होने के बाद आप मास्टर्स और पीचएडी की डिग्री भी इस फील्ड में हासिल कर सकते हैं।
इस फील्ड के बैचलर कोर्स की फीस 45 हज़ार रुपए से लेकर 2.5 लाख रुपए तक होती है। वहीं इसके मास्टर्स कोर्स की फीस 50 हज़ार से 1.5 लाख रुपए तक होती है। अगर आप 6 महीने का डिप्लोमा करना चाहते हैं तो उसकी फीस 15 हज़ार से 35 हज़ार रुपए के बीच रहती है।
कोर्स पूरा होने के बाद क्या करें?
कोर्स पूरा होने के बाद आपके पास कई प्रकार के विकल्प मौजूद रहते हैं। आइये उन विकल्पों के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले लेते हैं-
नेशनल म्युज़ियम में कर सकते हैं अप्लाई
कोर्स के बाद आप नौकरी के लिए नेशनल म्यूज़ियम में अप्लाई कर सकते हैं, जहां आपको इतिहास से जुड़ी प्राचीन धरोहरों की देख-रेख की जिम्मेदारी का काम सौंपा जाएगा। भारत में फिलहाल तीन नेशनल म्युज़ियम हैं जो दिल्ली, लखनऊ और कोलकाता में स्थित हैं।
मीडिया और पब्लिशिंग हाउस से भी जुड़ सकते हैं
फाइन आर्ट्स (Fine Arts) का कोर्स करने के बाद मीडिया और पब्लिशिंग हाउस के साथ जुड़कर भी अपना करियर बना सकते हैं। इस क्षेत्र में अच्छे डिज़ाइनर्स की काफी डिमांड रहती है और आप एक कार्टुनिस्ट या पेज डिज़ाइनर के तौर पर यहां से अच्छी शुरुआत कर सकते हैं।
एडवरटाइजिंग एंड टेक्सटाइल इंडस्ट्री में भी है डिमांड
एडवरटाइजिंग एंड टेक्सटाइल इंडस्ट्री का भी पूरा काम एक अच्छे डिज़ाइनर के ऊपर ही टिका होता है। इस फील्ड में एक डिज़ाइन के लिए क्लाइंट लाखों रुपए तक देने के लिए तैयार हो जाते हैं।
फिल्म प्रोडक्शन के द्वार भी आपके लिए खुल सकते हैं
अगर आपका मन फिल्म इंडस्ट्री में जाने का है तो उसके द्वार भी आपके लिए खुले हुए हैं। अगर आप अच्छी एडिटिंग करना जानते हैं तो बिना देर किए किसी फिल्म प्रोड्युसर या प्रॉडक्शन हाउस से संपर्क कर सकते हैं।
पुरातत्व विभाग की टीम के सदस्य बनें
पुरातत्व विभाग की नौकरी एक बहुत ही मजेदार नौकरी होती है। इसके अंतर्गत आपको पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आने वाली प्राचीन स्मारक एवं इमारतों के देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। इस फील्ड में अगर आप सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं तो इससे अच्छा विकल्प आपको नहीं मिल सकता है।
उच्च शिक्षा का विकल्प भी हैं मौजूद
बैचलर डिग्री हासिल करने के बाद आप मास्टर्स के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। आप विदेश में रहकर भी अपनी आगे की पढ़ाई कर सकते हैं, जिससे आपको एक अच्छा करीयर बनाने में सहायता मिलेगी। साथ ही मास्टर्स करने के बाद आपको सालाना पैकेज भी अच्छा मिलेगा।
सालाना पैकेज और कमाई का आँकड़ा
फाइन आर्ट्स (Fine Arts) की फील्ड एक ऐसी फील्ड है जहां पर, फिलहाल भारत में अन्य प्रौफेशनल कोर्स के मुकाबले प्रतिस्पर्धा बेहद कम है। ऐसे में नौकरी ढूंढने के लिए आपको ज्यादा जद्दोजहद करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। बैचलर कोर्स पूरा होने के बाद आपकी बेसिक सैलरी 20-25 हज़ार रुपए रहती है, जो एक अच्छी शुरुआत कही जा सकती है। वहीं कुछ साल के एक्सपीरियंस के बाद आप सीनियर्स की लिस्ट में आ जाते हैं, जहां आपको 50 हज़ार से लेकर लाखों रुपए तक की सैलरी के ऑफर मिल सकते हैं।
वहीं अगर आप फिल्म प्रॉडक्शन की लाइन में जाना चाहते हैं तो वहां आपको प्रति घंटे के हिसाब से पैसे मिलेंगे। प्रति घंटे एडिटिंग के आपको 3 हज़ार से 5 हज़ार रुपए तक मिल सकते हैं। इस फील्ड में एक बार अगर लोगों को आपका काम पसंद आ जाए तो आपको मुंह मांगे पैसे भी मिलने लगेंगे। पुरातत्व विभाग और नेशनल म्युज़ियम जैसी संस्थाओं में आपकी सरकारी नौकरी रहती है, जिसमें आपको महीने के 35 से 40 हज़ार रुपए तक आसानी से मिल जाएंगे।
फाइन आर्ट्स रेस्टोरेशन एंड कंजर्वेशन का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान
- कॉलेज ऑफ आर्ट्स, नई दिल्ली
- फैकल्टी ऑफ़ विसुअल आर्ट्स, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
- सर जेजे इंस्टीट्यूट ऑफ अप्लाइड आर्ट्स, मुंबई
- फैकल्टी ऑफ़ फाइन आर्ट्स, महाराज सयाजीराव यूनिवर्सिटी, वडोदरा
- जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
- कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स, त्रिवेंद्रम
- जवाहरलाल नेहरु आर्किटेक्चर एंड फाइन आर्ट्स यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
- गवर्मेंट कॉलेज आफ़ फाइन आर्ट्स, चेन्नई