नई दिल्ली | अमेरिका और चीन के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर बढ़ता ही जा रहा है। पहले अमेरिका ने चीन और WHO पर आपस में मिले होने का आरोप लगाया था। तो अब चीन ने गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन करते हुए कहा कि संगठन पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि महामारी की उत्पत्ति कहां से हुई। इसके साथ ही चीन ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो पर चीन को लेकर एक के बाद एक झूठ बोलने का आरोप भी लगाया है।
कोरोना वायरस की वज़ह से दुनिया भर में 255,000 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 70,000 हजार मौतें अकेले अमेरिका में दर्ज की गई हैं। इस वजह से अमेरिका कोरोना वायरस को लेकर काफी बौखलाया हुआ नजर आ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो चीन पर कार्यवाही करने की खुली धमकी तक दे डाली थी।
बता दें कि माइक पोम्पिओ और अमेरिकी राष्ट्रपति चीन पर शुरूआत से इस मामले में पारदर्शिता नहीं रखने का आरोप लगाते रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री पोम्पिओ और राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि उनके पास सुबूत है जिसके मुताबिक यह वायरस वुहान के लैब से निकला है हालांकि उन्होंने इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है। पोम्पिओ ने डब्ल्यूएचओ पर भी इस बीमारी को लेकर धीमी गति से प्रतिक्रिया देने का आरोप लगाया है और कहा कि इसकी चीन में जांच की जानी चाहिए।
इन सब मामलों पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुए चुनियिंग ने जवाब देते हुए कहा कि, “देश WHO के प्रयासों का समर्थन करता है कि वह महामारी की उत्पत्ति को लेकर जांच कर रहा है। हम संगठन का सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार हैं।” इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ पर भी हमला बोलते हुए कहा, -“जब वैज्ञानिक अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके हैं तो पोम्पिओ जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष क्यों दे रहे हैं कि वायरस वुहान के लैब से निकला है। इसका सुबूत कहां है? हमें सुबुत दिखाइए। यदि वो कोई सुबूत नहीं दे सकते हैं तो शायद अभी सुबूत तैयार करने में लगे होंगे।”