भारत में क्रिकेट को धर्म की तरह पूजा जाता है और क्रिकेट के भगवान का दर्जा भी इसी देश के खिलाड़ी को मिला है। सचिन तेंदुलकर को विश्व क्रिकेट ‘गॉड ऑफ़ क्रिकेट’ कहकर बुलाता हैं। भले ही आज सचिन मैदान पर नज़र ना आते हो लेकिन उनकी एक झलक पाने को फैंस आज भी बेताब रहते है। आज यानि 24 अप्रैल को सचिन 47 साल के हो गए है। हर साल अपना जन्मदिन धूम धाम से मनाने वाले मास्टर ब्लास्टर ने इस बार अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया हैं। सचिन तेंदुलकर ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान देने वाले डॉक्टरों, नर्सों, मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मियों , सैन्यकर्मियों और सफाईकर्मियों के सम्मान में यह फैसला किया है।
सचिन के इसी तरह के फैसलों का पूरा देश कायल है। यही वजह से है दुनिया के लगभग सभी बड़े खेलों के दिग्गज खिलाड़ी मास्टर ब्लास्टर को अपना आइडल मानते है। सचिन के लंबे क्रिकेटिंग करियर के कई ऐसे किस्से है जिन्हें फैंस आज तक नहीं जानते। लेकिन आज हम आपको सचिन से जुड़े ऐसे ही अनसुने और यादगार किस्सों के बारे में बताने जा रहे है।
जब सचिन की बल्लेबाजी देख मैदान पर आया आंधी-तूफान
22 अप्रैल 1998 के दिन शारजाह के मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया कोका कोला कप का आखिरी लीग मुकाबला तो आप लोगों को याद ही होगा। इस मुकाबले में भारत को 285 रनों के मुश्किल लक्ष्य को हासिल तो करना ही था लेकिन साथ ही कीवी टीम से बेहतर रन रेट करना भी टीम इंडिया के लिए बड़ी चुनौती थी। 138 के स्कोर पर भारत अपने 4 विकेट गवां चुका था। ऑस्ट्रेलिया की जीत एक समय पक्की लग रही थी। तभी मैदान पर मौजूद हर किसी ने सचिन का वो रूप देखा जो पहले कभी देखने को नहीं मिला था। 131 गेंदों में सचिन ने 5 छक्कों की मदद से 143 रनों की पारी खेली। सचिन की बल्लेबाजी के दौरान मैदान पर तेज़ आंधी के साथ तूफ़ान भी आ गया था। उस मुकाबले को फैंस आज भी इसी तूफान की वजह से याद करते है।
सचिन की बल्लेबाजी से घट जाता था अमेरिका का उत्पादन
काफी सालों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था ‘मुझे क्रिकेट के बारे में पता नहीं है, लेकिन फिर भी मैं सचिन को खेलते देखने के लिए क्रिकेट देखता हूं, इसलिए नहीं कि मुझे उनका खेल बहुत पसंद है, क्योंकि मैं यह जानना चाहता हूं कि आखिर क्या कारण है कि जब वह बल्लेबाजी करता है तो मेरे देश का उत्पादन पांच प्रतिशत कम हो जाता है!’ उन्होंने ये भी बताया था कि अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासी विशेष तौर पर जब सचिन तेंदुलकर की बात आती थी तो वे पागल हो जाते थे।
जब अख़बार में नाम छपवाने के लिए करना पड़ा ये काम
सचिन का अख़बार में नाम अनगिनत बार छपा होगा लेकिन पहली बार ऐसा करने के लिए उन्हें गलत रास्ता चुनना पड़ा था। इस बात का खुलासा अपनी ऑटोबायोग्राफी प्लेइंग इट माय वे में करते हुए सचिन ने बताया ‘ये जो घटना मैं बताने जा रहा हूं कि अखबार में मेरा नाम पहली बार छपा, जिसे एक सुखद घटना होना चाहिए था। मुंबई में उस समय एक नियम सा था कि अखबार में किसी खिलाड़ी का नाम तभी छपता था, जब उसने 30 रन बनाए हों। मैंने 24 रन बनाए थे, लेकिन टीम के स्कोर में काफी सारे अतिरिक्त रन थे। स्कोरर ने छह अतिरिक्त मेरे खाते में डालने का प्रस्ताव दिया, ताकि मेरा स्कोर 30 रन हो जाए। स्कोरर का तर्क था कि इससे किसी पर कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि टीम का स्कोर भी नहीं बदल रहा था। मैंने हां कर दी और यह समझ ही नहीं पाया कि मैं किस झमेले में पड़ने जा रहा हूं।’
पाकिस्तान के लिए भी खेल चुके है मास्टर ब्लास्टर
आपको जानकर हैरानी होगी की सचिन को एक बार पाकिस्तान के लिए अतिरिक्त फील्डर के तौर पर मैदान पर आना पड़ा था। 1987 में भारत और पाकिस्तान के बीच श्रृंखला होनी थी। उससे पहले वार्मअप मैच खेला गया था। उसी मुकाबले में सचिन को पाकिस्तान के लिए फील्डिंग करनी पड़ी थी। इसी तरह सचिन ने पाकिस्तान के लिए भी मैच खेला है।
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