चीन ने जानवरों के अंगों से बनाई दवा, कोरोना के मरीजों पर इस्तेमाल का दिया सुझाव

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चीन ने कोरोना के इलाज के लिए एक ऐसी दवा का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है जो जंगली जानवरों के अंगों से बनी है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए कुछ उपचार के बारे में बताया है, इसमें एक ऐसी दवा का जिक्र किया गया है। जिसमें जंगली भालू के बाइल (गॉल ब्लैडर के अंदर पाया जाने वाला तरल पाचक पदार्थ), बकरी के सींग और तीन प्रकार के पौधों का इस्तेमाल किया गया है। चीन के इस सुझाव के तुरंत बाद ही पशु कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया, उन्होंने इसे बेहद निराशाजनक और दुखद बताया। वैज्ञानकों की मानें तो कोरोनो वायरस चीन के किसी इलाक़े में एक चमगादड़ ने आकाश में मंडराते हुए अपने लीद के ज़रिए कोरोना वायरस का अवशेष छोड़ा जो जंगल की ज़मीन पर गिरा। एक जंगली जानवर, संभवतः पैंगोलिन ने इसे सूंघा और उसी के ज़रिए बाक़ी के जानवरों में यह फैल गया। संक्रमित जानवर जब इंसान के संपर्क में आया और एक व्यक्ति में उससे वो बीमारी आ गई। इसके बाद वाइल्ड लाइफ़ मार्केट के कामगारों में यह फैलने लगी और इसी से वैश्विक संक्रमण का जन्म हुआ। तीन महीने पहले फैले इस वायरस ने अब वैश्विक महामारी का रूप ले लिया है जिसकी वजह से अब तक हज़ारों लोगों की जान गई है और पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। वैज्ञानिक इस थ्योरी को साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस जानवरों से ही फैला।

ज़ूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन के प्रोफ़ेसर एंड्र्यू कनिंगम कहते हैं कि घटनाओं की कड़ी जोड़ी जा रही है। वो कहते हैं कि यह खोज ‘जासूसी कहानी’ की तरह मालूम पड़ती है। कनिंगम के अनुसार कई जंगली जानवर कोरोना वायरस के स्रोत हो सकते हैं लेकिन ख़ासकर चमगादड़ बड़ी संख्या में अलग-अलग तरह के कोरोना वायरस का अड्डा होते हैं। स्तनपायी जानवर हर महाद्वीप में पाए जाते हैं। ये विरले ही ख़ुद से बीमार पड़ते हैं लेकिन ये रोगाणु बहुत तेज़ी से फैलाते हैं। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के प्रोफ़ेसर केट जोनस के अनुसार इस बात के प्रमाण हैं कि चमगादड़ों ने ख़ुद को कई मामलों में बदला है। वो कहते हैं, ”चमगादड़ बीमार पड़ते हैं तो बड़ी संख्या में विषाणुओं से टकराते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि चमगादड़ जैसे रहते हैं, उसमें विषाणु ख़ूब पनपते हैं।” यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंगम के प्रोफ़ेसर जोनाथन बॉल कहते हैं कि ये स्तनपायी होते हैं इसलिए आशंका होती है कि ये या तो इंसान को सीधे संक्रमित कर सकते हैं या फिर किसी और के ज़रिए।” दूसरी पहेली है एक रहस्मय जानवर की पहचान को लेकर जिसके शरीर से कोरोना वायरस का संक्रमण चीन के वुहान में फैला इनमें एक संदिग्ध है पैंगोलिन। पैंगोलिन के बारे में कहा जाता है कि दुनिया भर में सबसे ज़्यादा इसकी तस्करी होती है। यह विलुप्त होने की कगार पर है। एशिया में इसकी सबसे ज़्यादा मांग है। पारंपरिक चीनी दवाइयों के निर्माण में इसका इस्तेमाल होता है। कई लोग इसका मांस भी बड़े चाव से खाते हैं। कोरोना वायरस पैंगोलिन में पाया गया है। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि यह नोवल ह्यूमन वायरस से मिलता-जुलता है। इंसानों में संक्रमण फैलने से पहले क्या चमगादड़ और पैंगोलिन के विषाणु में अनुवांशिकी आदान-प्रदान हुआ था? विशेषज्ञ इस मामले में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने को लेकर एहतियात बरत रहे हैं। पैंगोलिन पर हुई स्टडी का पूरा डेटा अभी जारी नहीं किया गया है। ऐसे में इसकी पुष्टि करना मुश्किल है।

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