हिंदू और हिंदुत्व के बयान को लेकर अब राहुल गांधी भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर आ गए हैं। राहुल गांधी ने ये टिप्पणियां तो भारतीय जनता पार्टी के प्रभाव को कम करने के लिए की थीं, लेकिन अब इस टिप्पणी का उल्टा ही प्रभाव देखने को मिल रहा है। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राहुल गांधी को यह शोभा नहीं देता। ऐसी व्याख्या का अधिकार धर्मगुरुओं का है। उन्हीं से हिंदुत्व की व्याख्या अच्छी लगती है। राहुल गांधी राजनीति कर रहे हैं, वही करें… उनके लिए यही ज्यादा बेहतर है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपने एक ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा कि जैसे यशोदा और देवकी मैया श्रीकृष्ण की मां हैं। वैसे ही राहुल, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के पुत्र हैं और प्रियंका गांधी वाड्रा के भाई हैं। राहुल गांधी इसमें कोई फर्क नहीं समझना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
खुद को हिंदू और पीएम मोदी को हिंदूवादी बताते हुए शनिवार को अमेठी में राहुल गांधी ने कहा था, ‘एक तरफ हिंदू है और दूसरी तरफ हिंदुत्ववादी। एक तरफ सत्य, प्रेम और अहिंसा है और दूसरी तरफ झूठ, नफरत और हिंसा। हिंदू सच्चाई की राह पर चलते हैं, नफरत नहीं फैलाते। वहीं हिंदुत्ववादी नफरत फैलाते हैं और सत्ता छीनने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।’
नाथूराम हिंदू तुम्हारी था और महात्मा गांधी हिंदू?
कांग्रेस नेता ने कहा कि हिंदुत्ववादी महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की विचारधारा के लोग हैं जो सत्ता के लिए नफरत और हिंसा फैलाते हैं, झूठ बोलते हैं। मोहन दास करमचंद गांधी हिंदू थे इसलिए उनको महात्मा गांधी कहा गया, लेकिन गोडसे को कभी महात्मा नहीं कहा जा सकता। वह झूठ बोलता था, हिंसा और नफरत फैलाता था। उसने हिंदू महात्मा गांधी के सीने में तीन गोलियां दागी थीं।