राष्ट्रवादी होने की मनोज मुंतशिर को मिली सजा, कविताओं को लेकर किया जा रहा है ट्रोल

गीतकार मनोज मुंतशिर को उनकी कविता को लेकर टोल किया जा रहा है। जिसके बारे में उन्होंने आज तक को एक इंटरव्यू देकर अपना पक्ष साफ कर दिया है। उनका कहना है कि मुझे राष्ट्रवादी होने की सजा दी जा रही है।

0
737
चित्र साभार: ट्विटर @manojmuntashir

कवि और गीतकार मनोज मुतंशिर अपनी एक कविता को लेकर सुर्खियों में आ चुकें हैं। उन्हें उनकी एक कविता को लेकर खूब ट्रोल किया जा रहा है। आपको बता दें कि कुछ समय पहल उनकी एक किताब का विमोचन हुआ था और उसका नाम था “मेरी फितरत है मस्ताना”, उनकी इस पुस्तक में एक कविता थी, जिसके बोल हैं मुझे कॉल करना… कुछ लोगों का कहना है कि ये मनोज की मौलिक कृति है बल्कि किसी अन्य लेखक की कविता का हिंदी में अनुवाद कर उन्होनें इसे अपनी पुस्तक में जगह दी है।

इसी मामले पर मनोज ने अपना पक्ष सामने ऱख दिया है, उनका कहना है कि उन्हें राष्ट्रवादी होने का दण्ड दिया जा रहा है। उन्होनें ट्वीट करते हुए कहा है कि 200 पन्नों की किताब और 400 फिल्मी और गैर फिल्मी गाने मिलाकर सिर्फ 4 लाइनें ढूंढ पाये इतना आलस औऱ लाइने ढूंढ पाये। मेरी भी औऱ बाकी राइटर्स की भी। इस मामले को लेकर उन्होनें आजतक के सामने अपना पक्ष रखा है।  उन्होंने कहा है कि आभार उन सबका जिन्होंने मेरे नाम और काम की इतनी चर्चा की, कि आपको मेरा इंटरव्यू लेना पड़ा। मैं उस दिन का सपना देखता था जब कोई ‘लिखने वाला’ जिस देश में हिरोइनों का एयरपोर्ट लुक हेडलाइन बने, सेलिब्रिटीज का कुत्ते घुमाना सुर्खियां बटोरे, वहां अचानक मीडिया में कविता और कवि की बात होने लगे तो… इसी क्रांति का ख्वाब देखते हुए निराला और नागार्जुन चल बसे। मेरा सौभाग्य है कि मैं इस क्रांति का दूत बन पाया।

मनोज से सवाल पूछा गया कि क्या आपने अपनी हिंदी की कविता को किसी दूसरे व्यक्ति की कविता का अनुवाद कर अपनी पुस्तक में छपवा दिया? इसके बारे में जवाब देते हुए मनोज ने कहा है कि सिर्फ एक? ये बात तो मेरी हर कविता, हर गीत के बारे में कही जा सकती है. मेरी कोई भी रचना शत-प्रतिशत मौलिक (original) नहीं है क्योंकि भारतवर्ष में सिर्फ दो मौलिक रचनाएं हैं, वाल्मीकि की रामायण और वेद व्यास की महाभारत. इसके अलावा जो कुछ भी लिखा गया है सब घूम-फिर के इन्हीं दो महाग्रंथों से प्रेरित है।

उनका कहना है कि क्योंकि मैंने ही अपने यूट्यूब चैनल पर वो वीडियो बनाया था जिसने एक बहुत बड़े समुदाय को रातो-रात मेरा दुश्मन बना दिया। ये लोग, जो ट्विटर पर मेरी एक बरसों पुरानी कविता को लेकर इतना तूफ़ान खड़ा कर रहे हैं, ये वही लोग हैं जिन्होंने मेरा वीडियो रिलीज होने के बाद मुझे सीधे निशाने पर ले लिया था और उसके बाद हर दिन, बल्कि हर घंटे मुझे पानी पी-पी के गालियां देते रहे। देखिए जा के, बात कहां से शुरू हुई। पहला ट्वीट किसने किया था? वीडियो में कही मेरी बात बहुतों को वैसे ही चुभी जैसे हर सही बात चुभती है। मेरे कई करीबी दोस्तों ने मुझे आगाह किया कि अब मुझे टारगेट किया जाएगा। बिलकुल यही हो रहा है लेकिन मुझे टारगेट करने वालों के लिए एक बुरी खबर है, मैं रुकने और झुकने वाला नहीं हूं।

मेरे साथ लाखों भारतवासी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। ये लोग जानते हैं कि मैं सच कह रहा हूं और सच को कभी समर्थन की कमी नहीं होती। मेरे गीत सुनने वाले और उन गीतों से इश्क़ करने वाले अच्छी तरह समझते हैं कि नक़ल करके एक-दो गीत लिखे जा सकते हैं, इतना बड़ा करियर खड़ा नहीं किया जा सकता। इंडस्ट्री का हाइयस्ट पेड राइटर नहीं बना जा सकता। मुझे अपने विरोधियों पर इस बात के लिए तरस आता है कि वो मेरे विरुद्ध कोई बड़ा स्कैंडल नहीं ढूंढ़ पाए। ढूंढ़ते भी तो कहां मिलता, मैंने एक बेदाग़ ज़िंदगी गुज़ारी है और सिर्फ़ अपनी मेहनत और कला के बलबूते पर गौरीगंज की पगडंडियों से सफलता के राजपथ तक पहुंचा हूं। मेरी कहानी हर उस नौजवान की कहानी है जिसमें सपने देखने और उनके लिए लड़ने की हिम्मत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here