छत्तीसगढ़ में जोर पकड़ रहा है धर्मांतरण का मुद्दा, बीजेपी नेता सौंप सकते हैं राज्यपाल को ज्ञापन

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे ने अब राजनीतिक सरगर्मियों को तेज कर दिया है। इस मुद्दे को लेकर देश के 2 राष्ट्रीय पार्टियां कांग्रेस और भाजपा आमने सामने आ चुकी हैं। धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर लगातार भाजपा कांग्रेस पर आरोप भी लगा रही है।

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छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे ने अब राजनीतिक सरगर्मियों को तेज कर दिया है। इस मुद्दे को लेकर देश के 2 राष्ट्रीय पार्टियां कांग्रेस और भाजपा आमने सामने आ चुकी हैं। धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर लगातार भाजपा कांग्रेस पर आरोप भी लगा रही है।

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा अब तेजी के साथ तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस आमने-सामने आ चुकी है। बीते दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भाजपा सरकार के कार्यकाल में सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद भाजपा की तरफ से जवाब आया है। आपको बता दें कि प्रदेश में इस मामले के तूल पकड़ने के बाद भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की जानकारी दी है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रदेश में धर्मांतरण के मामले में राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंप सकते हैं। इस मामले पर बोलते हुए भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ में कई धर्मांतरण हो रहे हैं और उन्हें रोकने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा विधायक धर्म परिवर्तन के मामले में राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंप सकते हैं।’

आपको ये भी बता दें कि इससे पहले 1 सितंबर को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी सरकार के तहत बढ़ते धर्मांतरण के भाजपा के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में भाजपा शासन के तहत सबसे अधिक चर्चों का निर्माण किया गया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा चिंतन शिविर पर मीडिया में आई खबरों में बताया गया है कि रमन सिंह के 15 साल के कुशासन पर चर्चा हो रही है। धर्म परिवर्तन भी इस चर्चा का हिस्सा है। रिकार्ड बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासन में सबसे ज्यादा चर्च बनाए गए। कुछ समय पहले भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।

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