भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (HV Shringla) इस समय अमेरिका के दौरे पर गए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने शनिवार को वाशिंगटन (Washington) में कहा कि अगस्त में यूनाइटेड नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) के अध्यक्ष के रूप में हमने 4 प्रस्तावों को अपनाया लेकिन अफगानिस्तान पर रिजॉल्यूशन बहुत महत्वपूर्ण था। इसने एक समावेशी बातचीत वाले राजनीतिक समझौते का आह्वान किया और तालिबान (Taliban) से उन लोगों को निकालने में मदद करने की मांग की जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं। हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘अमेरिका स्थिति को बहुत करीब से देख रहा है…पाकिस्तान अफगानिस्तान का पड़ोसी है, उन्होंने तालिबान का समर्थन और पोषण किया है। ऐसे कई तत्व हैं जो पाकिस्तान समर्थित हैं- इसलिए इसकी भूमिका को उस संदर्भ में देखा जाना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य अफगानिस्तान की स्थिति पर निष्क्रिय हैं। हम (भारत) जमीन पर नहीं हैं, वहां (अफगानिस्तान) कोई संपत्ति नहीं है। ऐसा नहीं है कि हम कुछ नहीं कर रहे हैं, हम अफगानिस्तान में दिलचस्पी रखने वाले हर देश के संपर्क में हैं..’
अपनी यात्रा के दौरान हर्षबर्धन श्रृंगला ने राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी मुलाकात की है। ‘टू प्लस टू’ मंत्री स्तरीय बैठक दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच होती है। पहली ‘टू प्लस टू’ भारत-अमेरिका वार्ता 2018 में नयी दिल्ली में हुई थी। आखिरी बैठक नयी दिल्ली में हुई थी और अगली बैठक यहां अमेरिका में होने वाली है। अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन बाइडन प्रशासन की पहली भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ बैठक के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मेजबानी करेंगे।
श्रृंगला की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अफगानिस्तान के साथ ही संयुक्त राष्ट्र और आगामी क्वाड सम्मेलन समेत क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की थी। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी जल्द ही भारत की यात्रा कर सकते हैं। आपको बता दें कि क्वाड अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान का समूह है। ऐसा कहा जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी जल्द ही भारत की यात्रा कर सकते हैं। भारत और अमेरिका ने अपने रक्षा संबंधों की मजबूती की शुक्रवार को पुन: पुष्टि की और मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी है।