असम में भी हुआ नाम परिवर्तन, राजीव गाँधी नेशनल पार्क का नाम हुआ ओरंग नेशनल पार्क

असम की हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) सरकार ने नेशनल पार्क से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) का नाम हटाने का निर्णय ले लिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इसको लेकर फैसला लिया गया, जिसके बाद अब इसे ओरांग नेशनल पार्क (Orang National Park) के नाम से जाना जाएगा।

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कुछ समय पहले ही राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद पुरस्कार कर दिया गया है। जिसे लेकर देशभर में कांग्रेस पार्टी के लोगों ने हंगामा किया। लेकिन अब कहा जा रहा है कि असम की हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) सरकार ने नेशनल पार्क से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) का नाम हटाने का निर्णय ले लिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इसको लेकर फैसला लिया गया, जिसके बाद अब इसे ओरांग नेशनल पार्क (Orang National Park) के नाम से जाना जाएगा। असम सरकार के प्रवक्ता और जल संसाधन मंत्री पीजूष हजारिका ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि आदिवासियों और चाय जनजाति समुदायओं की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राजीव गांधी नेशनल पार्क का नाम बदलकर ओरांग नेशनल पार्क रखने का फैसला लिया है।

इसके अलावा आपको बता दें कि कैबिनेट ने कोविड-19 से जुड़े खर्चों के लिए 660 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। पीयूष हजारिका ने बताया कि कैबिनेट ने ‘प्रार्थना योजना’ के तहत कोरोना से जान गंवाने वाले 6,500 से ज्यादा लोगों के परिजनों को एकमुश्त 1 लाख रुपये देने का फैसला भी लिया है। ये रकम 2 अक्टूबर को सौंपी जाएगी। वहीं दूसरी तरफ कैबिनेट ने अंतर्राष्ट्रीय बॉक्स जमुना बोरो और अंतर्राष्ट्रीय तीरंदाज चैंपियन संजय बोरो को एक्साइज इंस्पेक्टर नियुक्त करने का फैसला भी लिया है। इन्हें असम के पहले अर्जुन अवॉर्डी भोगेश्वर बरुआ के जन्मदिन पर 3 सितंबर को ज्वाइनिंग लेटर सौंपा जाएगा। पहली बार असम कैबिनेट की बैठक कोइनाधारा में बने गेस्ट हाउस में हुई थी। ये पहले पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का आधिकारिक निवास हुआ करता था।

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