भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर आज लाल किले से आठवीं बार देश की जनता को संबोधित किया। पीएम ने अपने भाषण में कई प्रमुख बातें भी कहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं भविष्य़दृष्टा नहीं हूं, मैं कर्म के फल पर विश्वास रखता हूं। मेरा विश्वास देश के युवाओं पर है। मेरा विश्वास देश की बहनों-बेटियों, देश के किसानों, देश के प्रोफेशनल्स पर है। ये Can Do Generation है, ये हर लक्ष्य हासिल कर सकती है। 21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती।
सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना, यही लोकतंत्र की असली भावना है। जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब ज़मीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है।
हमारे वैज्ञानिकों और उद्यमियों की ताक़त का ही परिणाम है कि आज भारत को किसी और देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा। आज हम गौरव से कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम भारत में चल रहा है। हम 54 करोड़ से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन लगा चुके हैं।
अनुच्छेद 370 को बदलने का ऐतिहासिक फैसला हो, देश को टैक्स के जाल से मुक्ति दिलाने वाली व्यवस्था- GST हो, हमारे फौजी साथियों के लिए वन रैंक वन पेंशन हो, या फिर रामजन्मभूमि केस का शांतिपूर्ण समाधान, ये सब हमने बीते कुछ वर्षों में सच होते देखा है। त्रिपुरा में दशकों बाद ब्रू रियांग समझौता होना हो, ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देना हो, या फिर जम्मू-कश्मीर में आजादी के बाद पहली बार हुए BDC और DDC चुनाव, भारत अपनी संकल्पशक्ति लगातार सिद्ध कर रहा है।
75वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने कहा कि यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे, नए भारत के सृजन का ये अमृत काल है। इस अमृत काल में हमारे संकल्पों की सिद्धि हमें आज़ादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी, गौरवपूर्ण रूप से ले जाएगी।
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि समाज कि विकास यात्रा में कोई व्यक्ति कोई समुदाय पीछे नहीं छूटे। विकास सर्वांगिन होना चाहिए। हाल ही में संसद में ओबीसी समुदाय के आरक्षण से जुड़ा बिल भी पास किया गया है। इस बार प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र की उन्नति के लिए कई प्रमुख बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के बाद अब सबका प्रयास हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें अभी से जुट जाना है। हमारे पास गंवाने के लिए एक पल भी नहीं है। यही समय है, सही समय है। बदलते हुए युग के अनुकूल हमें भी अपनेआप को ढालना होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुट चुके हैं। आज सरकारी योजनाओं की गति बढ़ी है और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। पहले की तुलना में हम तेजी से आगे बढ़े लेकिन सिर्फ यहां बात पूरी नहीं होती। अब हमें पूर्णता तक जाना है।
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने लाल किले पर मौजूद ओलंपिक खिलाड़ियों के लिए तालियां बजवाकर सम्मान किया। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों ने न सिर्फ दिल जीता है, बल्कि युवाओं को प्रेरित भी किया है।
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी में हमारे डॉक्टर, हमारे नर्सेस, हमारे पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी, वैक्सीन बनाने में जुटे वैज्ञानिक हों, सेवा में जुटे नागरिक हों, वे सब भी वंदन के अधिकारी हैं। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान हमारे देश में चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर भारत के पास वैक्सीन नहीं होती तो क्या होता।
बंटवारे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)ने कहा कि वह दर्द सीने को छलनी करता है। पीएम मोदी ने कहा कि हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है। अब से 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में याद किया जाएगा।
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि जल्द ही पूर्वोत्तर के हर क्षेत्र तक रेल लाइनें बिछ जाएंगी, जिससे ये इलाका बांग्लादेश, म्यांमार और अन्य पड़ोसी देशों से जुड़ जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का कार्य चल रहा है, जल्द ही वहां विधानसभा चुनाव का रास्ता भी प्रशस्त होगा। लद्दाख में भी यूनिवर्सिटी का कार्य शुरू किया गया है।
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि किसानों की जमीन छोटी होती जा रही है। 80 प्रतिशत किसानों के पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। 100 में से 80 किसान यानी देश का किसान एक तरीके से छोटा किसान है। देश में पहले जो नीतियां बनीं, उसमें छोटे किसानों पर जो नीतियां बननी चाहिए थी, उन पर जो ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए था, वह नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।